डेढ़ माह बाद फिर से शुरू हुए महाकाल के दर्शन! इन चीजों पर अभी भी रहेगी रोक
Advertisement

डेढ़ माह बाद फिर से शुरू हुए महाकाल के दर्शन! इन चीजों पर अभी भी रहेगी रोक

बाबा महाकाल की भस्म आरती में शासन के निर्देशानुसार अभी भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी.

डेढ़ माह बाद फिर से शुरू हुए महाकाल के दर्शन! इन चीजों पर अभी भी रहेगी रोक

राहुल राठौर/उज्जैनः मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित प्रसिद्ध श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह में फिर से श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू हो गया है. बता दें कि डेढ़ माह के बाद फिर से श्रद्धालु गर्भगृह से बाबा महाकाल के दर्शन कर पाएंगे. हालांकि अधिक भीड़ बढ़ने पर द्वार बंद भी किए जा सकेंगे. बता दें कि कोरोना के मामले बढ़ने के बाद बीती 30 दिसंबर को आमजन के लिए बाबा महाकाल के दर्शनों पर रोक लगा दी गई थी, जो आज बसंत उत्सव के मौके पर फिर से शुरू हो गई है. बाबा महाकाल के गर्भगृह के द्वार फिर से खोले जाने से भक्तों में भी उत्साह का माहौल है. 

बसंत पंचमी के मौके पर मुंबई, ग्वालियर, दिल्ली, यूपी, बिहार, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के भक्त बड़ी संख्या में पीले वस्त्र पहनकर श्री महाकाल मंदिर पहुंचे. उल्लेखनीय है कि इससे पहले कोरोना महामारी के चलते दो साल तक बाबा महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पाबंदी थी, जो कि 6 दिसंबर 2021 को खत्म हुई थी लेकिन कोरोना के मामले फिर से बढ़ने पर 30 दिसंबर को फिर से गर्भगृह में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी.  

इन चीजों पर रहेगी रोक
मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश तो शुरू कर दिया गया है लेकिन अभी भी वहां पूजन, अभिषेक, आरती इत्यादि की इजाजत श्रद्धालुओं को नहीं दी गई है. साथ ही श्रद्धालु मंदिर में दूध, फूल-प्रसाद आदि भी नहीं ले जा सकेंगे और सिर्फ भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित कर सकेंगे. आज गर्भगृह खुलने पर श्रद्धालुओं ने मंदिर के शंख द्वार से सुविधा केंद्र होते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश किया. जिसके बाद कार्तिकेय मंडपम से रैंप से उतरकर गणेश मंडपम की बैरिकेट्स से नंदी मंडपम होते हुए गर्भगृह में एंट्री की. दर्शन के बाद श्रद्धालु निर्गम रैंप से बाहर की ओर निकले. 

बता दें कि बाबा महाकाल की भस्म आरती में शासन के निर्देशानुसार अभी भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक रहेगी. श्रद्धालु सुबह 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकेंगे. हालांकि भीड़ अधिक होने पर तय समय से पहले भी प्रवेश रोक दिया जाएगा. मंदिर के गर्भगृह में 1500, 3000 और 15 हजार की शासकीय रसीद कटवाने वालों को अलग से दर्शन लाभ मिलेगा. 

मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि 1500 रुपए की रसीद पर 2 श्रद्धालु, 3 हजार की रसीद पर 3 श्रद्धालु और 15 हजार की रसीद पर 5 श्रद्धालु तय समय में पहले की तरह ही श्री महाकालेश्वर भगवान के गर्भगृह से दर्शन कर सकेंगे. रसीद कटवाने वाले श्रद्धालुओं को भी सिर्फ जल अर्पित करने की अनुमति होगी. 

मंदिर के अधिकृत 16 पुजारी और 22 पुरोहित अपने यजमानों के लिए एक दिन में 1500 रुपए की अधिकतम 3 और 3000 रुपए की अधिकतम 2 रसीद ही कटवा सकेंगे. सामान्य श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा और वह लाइन में लगकर सीधे प्रवेश कर दर्शन कर सकेंगे. सामान्य प्रवेश के बंद होने पर प्रोटोकॉल वालों को रसीद कटवाकर ड्रेस कोड में ही दर्शन की अनुमति मिलेगी. ड्रेस कोड में पुरुषों को सोला व महिलाओं को साड़ी में ही गर्भगृह में प्रवेश दिया जा सकेगा. 

Trending news