केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के दौरे में दिखी समर्थकों की दबंगई, सुरक्षा व्यवस्था में भी बड़ी चूक
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के भिंड का एकदिवसीय दौरे में जहां समर्थकों की दबंगई देखने को मिली तो वहीं दूसरी ओर सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई. मंत्रियों के मंच के सामने ही बंदूक लेकर समर्थक बैठे नजर आए.
प्रदीप मिश्रा/भिंड: केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल का एक दिवसीय भिंड दौरा विवादों में रहा. जहां एक ओर उनके एक समर्थक के रोके जाने पर ट्रैफ़िक व्यवस्था में लगे एक एएसआई के पैर पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी गई और बाद में थाना प्रभारी से विवाद हुआ. वहीं कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मंत्री की सुरक्षा में भी चूक की तस्वीरें सामने आयी हैं.
दरअसल, एक स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल, मप्र के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया और केबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त खाद्य आपूर्ति निगम अध्यक्ष और विधायक प्रद्युमन सिंह लोधी भिंड पहुंचे थे. इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल भाजपा नेता कोक सिंह नरवरिया के घर भी गए. जहां उनके समर्थकों की भी काफ़ी भीड़ देखने को मिली. इसी बीच उनका एक समर्थक अपनी कार से मंत्री के काफिले के पीछे जाने लगा, लेकिन संकरी गली होने के चलते ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसे रोक दिया.
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पुलिसकर्मी द्वारा रोके जाने पर मंत्री के समर्थक को गंवारा नहीं हुआ और उसने गुंडई दिखते हुए मौक़े पर मौजूद एएसआई ब्रह्मानंद के पैर पर गाड़ी चढ़ाते हुए गाड़ी गली में ले गया. जब मौक़े पर पहुंचे देहात थाना प्रभारी रामबाबू यादव ने उससे इस हरकत के बारे में पूछा तो मंत्री का समर्थक अकड़ने लगा. देखते ही देखते दोनों के बीच बहस हुई. उनकी यह बहस मीडिया के कैमरे में भी क़ैद हो गई. हालांकि मंत्री के समर्थक होने का दबाव भी देखने को मिला. पूरे घटनाक्रम के बावजूद इस सम्बंध में किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी.
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वहीं मंत्री पटेल मुड़ियाखेरा स्थित स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे तो उनकी सुरक्षा में भी बड़ी लापरवाही नज़र आयी. कार्यक्रम में क़रीब हज़ार लोगशामिल हुए जिनकी बैठक व्यवस्था मंच के ठीक सामने थी. कार्यक्रम के दौरान पहली पंक्ति में बैठे एक नहीं बल्कि तीन-तीन लोगों के हाथों में बंदूकें नज़र आयी. इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री और मप्र शासन के सहकारिता मंत्री और खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष भी बैठे थे. ऐसे में यदि गलती से या शज़िशन कोई गोली फ़ायर हो जाती तो इसकी ज़िम्मेदारी किसकी मानी जाती. हालांकि इस पर भी किसी तरह की किसी ने शिकायत दर्ज नहीं करायी न ही मंत्री-नेताओं को कुछ गड़बड़ लगा.
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