Vocal For Local: दिवाली पर गाय के गोबर से बने दियों से जगमग होगा आंगन, CM बघेल ने बढ़ाए मदद के हाथ
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Vocal For Local: दिवाली पर गाय के गोबर से बने दियों से जगमग होगा आंगन, CM बघेल ने बढ़ाए मदद के हाथ

छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) के कई जिलों में इस साल भी दीपावली (Diwali) को लेकर गोबर (Dung Diyas) और मिट्टी से बने इकोफ्रेंडली दिए बनने का काम जोरो पर है. इसके लिए कई महिला समूहों ने कमर कसी हुई है, जिसकी तारीफ जिले के कलेक्टर (Collector) भी कर रहे हैं.

चाइना को मात देने मार्केट में आए गोबर के दिये

शैलेंद्र बघेल/ बलरामपुर: छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) के कई जिलों में इस साल भी दीपावली (Diwali) को लेकर गोबर (Dung Diyas) और मिट्टी से बने इकोफ्रेंडली दिए बनने का काम जोरो पर है. इसके लिए कई महिला समूहों ने कमर कसी हुई है, जिसकी तारीफ जिले के कलेक्टर (Collector) भी कर रहे हैं. पिछले साल कोविड वायरस से मची तबाही के बाद चाइनीज सामान को मात देने के लिए गोबर के दिए ओर मूर्तियों ने खूब कमाई की थी. इसे सरकार और प्रशासन की ओर से भी काफी सराहना मिली थी. खुद पीएम मोदी (PM Modi) भी वोकल फॉर लोकर (Vocal For Local) को लेकर कई बार बात कर चुके हैं. इसी तर्ज पर इस साल भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है. 

सीएम भूपेश बघेल ने प्रशासन को दिए निर्देश
सीएम भूपेश बघेल ने भी दीपावली के मौके पर कुम्हारों, स्व सहायता समूहों और छोटे कारीगरों को लेकर बड़ा आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि उन सभी की मदद के लिए कोई सरकारी शुल्क नहीं लिया जाएगा. इस बाबत सभी जिला प्रशासन को सीएम ने निर्देश जारी किए हैं. इसके साथ ही सीएम ने जनता से स्थानीय कारीगरों से दीपावली का सामान खरीदने की अपील भी की. दिवाली का त्योहार नजदीक है, इस त्योहार से हजारों लोगों का रोजगार भी जुड़ा हुआ है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि दीपावली के मौके पर कुम्हारों, स्व-सहायता समूहों और छोटे कारीगरों से किसी भी प्रकार का कोई कर या शुल्क न लिया जाए. उन्होंने सभी ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए है कि कारीगर और विक्रेताओं को पूर्ण सहयोग और सुविधा मुहैया कराई जाए.

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पीएम मोदी के वोकल फॉर लोकर की अपील को बढ़ावा देने के लिए के कलेक्टर भी इन महिला समूह को सपोर्ट कर रहे हैं. साथ ही उनकी जमकर तारीफ भी कर रहे हैं. कलेक्टर ने बताया कि महिलाओं द्वारा पिछले साल भी मिट्टी और गोबर के दिये बनाकर मार्केट में लाए गए थे, जिससे समूह को बड़ा आर्थिक लाभ मिला था. इसी को देखते हुए इस साल भी पॉल्यूशन को कम करने और चाइनीज दियो का बहिकार करने के लिए इकोफ्रेंडली दीए बनाए जा रहे हैं. 

इकोफ्रेंडली दियों का निर्माण तेज
जिले में रामानुजगंज नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले कचरा संग्रहण केंद्र में काम कर रही प्रगती महिला समूह इकोफ्रेंडली दिए का निर्माण तेजी से कर रही हैं, ताकि आने वाले दीपावली के त्योहार में पॉल्यूशन रोकने और लोकल को सपोर्ट किया जा सके. इसी के साथ चाइनीज दियों और सामान का बहिष्कार किया जा सके. इस काम के लिए महिला समूह ने करीब 7000 दिए बनाने का लक्ष्य रखा है. समूह की महिलाओं ने इस बारे में बताया कि दिए बनाने के लिए पहले पहाड़ी क्षेत्र से चिकनी मिट्टी लाई जाती है और उसमें गोबर मिलाकर उसे दिए का रूप दिया जाता है. इसके बाद इसे सुखाकर उसमें अलग अलग कलर के पेंट और डिजाइन बनाते हैं. महिला समूह की अध्यक्ष लाखो बाई ने बताया कि समूह द्वारा लगातार नगर पंचायत को स्वच्छ रखने के लिए घर घर जाकर कचरा संग्रहण करने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही दीवापली के त्योहार को लिए खासतौर पर मिट्टी और गोबर के दिये बनाये जा रहे हैं. इसके कई फायदे हैं. एक तो ये लोगों को आसानी से मिल जाएं और इससे गांव की महिला समूह को काफी आर्थिक लाभ भी होगा.

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