जलसंकट: पानी के लिए ग्राम पंचायत ने सुनाया अनोखा फरमान, एक व्यक्ति दो डिब्बा पानी!!
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जलसंकट: पानी के लिए ग्राम पंचायत ने सुनाया अनोखा फरमान, एक व्यक्ति दो डिब्बा पानी!!

मध्य प्रदेश के कुछ ग्रामीण अंचलों में भीषण गर्मी के इस दौर में पानी की जमकर समस्या हो रही है. पानी की परेशानी को लेकर एक ग्राम पंचायत में अनोखा फरमान सुनाया गया है. 

जलसंकट: पानी के लिए ग्राम पंचायत ने सुनाया अनोखा फरमान, एक व्यक्ति दो डिब्बा पानी!!

डिंडौरी। मध्य प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है, जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी के इस दौर में मध्य प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में सबसे ज्यादा दिक्कत पानी की होती है. महाकौशल अंचल के आदिवासी क्षेत्र में इन दिनों पानी की भीषण समस्या देखने को मिल रही है. पानी की कमी को लेकर डिंडौरी जिले के एक गांव में ऐसा फरमान सुनाया गया है, जिससे आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां की पानी की कितनी कमी हो गई है. 

सिर्फ दो डिब्बा पानी भरने का फरमान 
डिंडौरी जिले में आने वाली अझवार ग्राम पंचायत में एक व्यक्ति को सिर्फ दो डिब्बा पानी भरने का अनोखा फरमान जारी किया है, जिसके लिए ग्राम पंचायत ने पूरे गांव में बाकायदा मुनादी करवाई है. दरअसल, करीब एक हजार की आबादी वाले अझवार गांव में पिछले कई दिनों से भीषण जलसंकट के हालात बने हुए हैं. लिहाजा पानी भरने के लिए हैंडपंप में लोगों की भीड़ लगी रहती है और पहले पानी भरने के चक्कर में लोगों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती है. 

सर्वसम्मति से लिया गया फैसला 
आरोप है की गांव के कुछ प्रभावशाली लोग 25 से 30 डिब्बा लेकर हैंडपंप में डटे रहते हैं, जिसके कारण गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को पानी नहीं मिल पाता और ऐसे में विवाद की स्थिति बन जाती है. जलसंकट को ध्यान में रखते हुए एवं विवाद से बचने ग्राम पंचायत के द्वारा सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है की एक व्यक्ति हैंडपंप से सिर्फ दो डिब्बा पानी ही भरेगा, ताकि सभी वर्गों को बराबर पानी मिल सके. सरपंच ने इस फैसले की पूरे गांव में मुनादी कराई गई है और मुखिया के मुनादी का यही अंदाज सोशल मीडिया में जमकर वायरल भी हो रहा है. खास बात यह है कि सरपंच के इस फैसले से गांव के कुछ लोग खुश है तो कुछ लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. 

पांच हैंडपंप में से तीन खराब 
गौरतलब यह है की अझवार ग्राम में करीब पांच हैंडपंप है जिसमें 2 हैंडपंप की हालत ठीक ठाक है और बाकी 3 हैंडपंप में पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है, जिसके कारण 2 हैंडपंप में पानी भरने लोगों का हुजूम लगा रहता है. स्थानीय लोग ग्राम पंचायत के फैसले से बेहद खुश नजर आ रहे हैं और उन्होंने फैसले को सही बताया है. हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि सिर्फ 2 डिब्बा पानी पर्याप्त नहीं है, लेकिन पहले तो उन्हें दो डिब्बा पानी भी नसीब नहीं हो पाता था इसलिए वो पंचायत के फैसले से संतुष्ट दिख रहे हैं. 

खास बात यह है कि अझवार ग्राम पंचायत में पीएचई विभाग के द्वारा लाखों रूपये की लागत से पानी टंकी व पाईपलाइन बिछाया गया था जो सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है. ग्रामवासियों ने पीएचई विभाग के अफसरों पर लापरवाही व भ्रष्टाचार करने के आरोप भी लगाए हैं. पंचायत के फैसले की मुनादी करने वाले मुखिया कमोद प्रसाद बताते हैं की वो सरपंच के आदेश पर मुनादी कर लोगों को सिर्फ दो डिब्बा पानी भरने के लिए आगाह कर रहे हैं और वो हैंडपंप के पास यह देखने के लिए तैनात भी रहते हैं की कोई व्यक्ति दो डिब्बा से ज्यादा पानी न भरे. 

वहीं गांव के सरपंच भगत सांडया का कहना है की भीषण गर्मी के दौरान गांव के सभी लोगों को व्यवस्थित तरीके से पानी मिल सके इसलिए सर्वसम्मति से इस प्रकार का फैसला लिया गया है, जरुरत पड़ने पर ग्रामवासियों को पानी टैंकर के जरिये पानी मुहैया करवाने की बात कर रहे हैं. जलसंकट को लेकर पीएचई विभाग के अफसर व जिले के जिम्मेदार अधिकारी बंद कमरे में मैराथन बैठकें करने में व्यस्त हैं तो वहीं इलाके के सांसद व विधायक आश्वासन देकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं. 

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