केंद्रीय मंत्री+सीएम+डिप्टी सीएम+वीडी+होम मिनिस्टर+कद्दावर मंत्री= रैगांव में BJP की हार, ये हैं 5 कारण
Advertisement

केंद्रीय मंत्री+सीएम+डिप्टी सीएम+वीडी+होम मिनिस्टर+कद्दावर मंत्री= रैगांव में BJP की हार, ये हैं 5 कारण

बीजेपी कैंडिडेट प्रतिमा बागरी को जिताने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान 6 बार यहां आए. साथ ही 24 सभाएं की हैं. इतना ही नहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, नरोत्तम मिश्रा और यूपी के डेप्युटी सीएम केशव मौर्य ने भी चुनावी सभा की थी.

अकेले CM शिवराज ने की थीं 24 रैलियां

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के सतना जिले की रैगांव विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की कल्पना वर्मा ने जीत हासिल कर ली है. रैगांव में 31 साल बाद कांग्रेस को जीत मिली है. कांग्रेस की कल्पना वर्मा ने बीजेपी की प्रतिमा बागरी को बड़े अंतर से हराया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने बीजेपी के गढ़ में सेंधमारी की है. क्योंकि बीजेपी यहां लगातार चुनाव जीतती आ रही थी. दूसरी बात यह भी है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. लेकिन अब विंध्य की सीट पर कांग्रेस की जीत ने इस अंचल में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. रैगांव में कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा ने 12290 वोटों से विजयी जीतीं. 

  1. गणेश सिंह और अजय सिंह राहुल के बीच थी वर्चश्व की जंग
  2. बागरी परिवार का टिकट काट प्रतिमा को देना पड़ा भारी
  3. बहुजन समाजवादी पार्टी का कैंडिडेट खड़ा न करना
  4. कल्पना का धरातल पर लगातार काम करना

उमा भारती ने कहा था कम झुको
करीब 31 साल बात रैगांव विधानसभा सीट कांग्रेस ने जीती है. रैगांव को जीतने के लिए शिवराज से लेकर वीडी शर्मा और उमा भारती तक ने प्रचार की कमान संभाली थी. बीजेपी कैंडिडेट के समर्थन में सभा करने उमा भारती भी आईं थीं. मंच पर प्रतिमा बागरी झुककर जनता का अभिवादन किया था. जिस पर उमा भारती ने कहा था कि जनता के सामने उतना ही झुको, जितना चुनाव बाद भी झुक सको. लगता है उमा भारती के बयान को रैगांव की जनता ने सीरियसली ले लिया. उन्होंने प्रतिमा बागरी को झुकने का मौका नहीं बल्कि जमीन पर गिरा दिया. एक दूसरी रैली में प्रतिमा बागरी के बालों में चश्मा फंसने और उसे निकालने पर कांग्रेस ने बीजेपी नेता पर तंज कसा था.

केंद्रीय मंत्री, डिप्टी सीएम और सीएम की रैली
बीजेपी कैंडिडेट प्रतिमा बागरी को जिताने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान 6 बार यहां आए. साथ ही 24 सभाएं की हैं. इतना ही नहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, नरोत्तम मिश्रा और यूपी के डेप्युटी सीएम केशव मौर्य ने भी चुनावी सभा की थी. बीजेपी ने बागरी को जीताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. 

गणेश सिंह और अजय सिहं राहुल के बीच जंग
वहीं, कांग्रेस की ओर से कल्पना वर्मा को जिताने के लिए कमलनाथ ने दो दौरे किए. कांग्रेस की ओर से मुख्य रूप से मोर्चा अजय सिंह राहुल संभाले हुए थे. लोग कहते भी हैं कि सतना के रैगांव विधानसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला कल्पना वर्मा और प्रतिमा बागरी से हटके बीजेपी के गणेश सिंह एवं कांग्रेस के अजय सिंह राहुल के बीच में था. जिसमें राहुल भइया की जीत हुई.

जोबट में कमलनाथ पर फिर भारी पड़े महाराज, BJP को मिली जीत, यहां जानिए इनसाइट स्टोरी

बागरी परिवार को टिकट न देना
इस उपचुनाव में गणेश सिंह बीजेपी की तरफ से पूरी तरह से मैदान में डटे हुए थे तो कांग्रेस की ओर से अजय सिंह राहुल ने मोर्चा संभाले हुए थे. यहां दोनों के बीच वर्चश्व की लड़ाई थी, लेकिन इस बार के चुनाव में महंगाई, क्षेत्र विकास ना होना और जुगल किशोर बागरी के बेटे स्वराज बागरी को टिकट न देना भी भाजपा को महंगा पड़ गया.

किसान कर्जमाफी ले डूबा बीजेपी को
मध्य प्रदेश के उपचुनाव में किसान कर्ज माफी का मुद्दा भी अंदरखाने गर्माया रहा. जिसकी भनक शायद बीजेपी को नहीं लग पाई. किसानों ने स्वीकार किया कि कमलनाथ के कार्यकाल के दौरान ₹50000 तक के कर्ज कई किसानों के माफ किए गए. अगर कमलनाथ की सरकार होती तो दो लाख तक की कर्जा माफ हो जाता. रैगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा भारी पड़ीं क्योंकि इस क्षेत्र में जिस समाज से वह आती हैं, उनकी जनसंख्या काफी है.

बीजेपी की ये जीत 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी!

बहुजन वोटर्स की शिफ्टिंग
रैगांव उपचुनाव में बीएसपी ने भी बीजेपी को नुकसान पहुंचाया. इस बार बहुजन समाज पार्टी की तरफ से कोई कैंडिडेट यहां नहीं उतारा गया था. नतीजा ये रहा कि बहुजन वोट बैंक कांग्रेस की ओर शिफ्ट हो गया. शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी था. 

2014 से तैयारी कर रहीं थीं कल्पना
बीजेपी को इस सीट का नुकसान इसलिए भी हुआ क्योंकि पार्टी ने बागरी परिवार का टिकट काटकर यहां बड़ा दांव खेला था. 2018 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से कल्पना वर्मा चुनाव मैदान में थी. इतना ही नहीं 2014 से रैगांव विधानसभा क्षेत्र के ही एक वार्ड से कल्पना वर्मा, जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुई थीं. चुनाव 2018 में हारने के बाद क्षेत्र में लगातार सक्रिय रही इसका फायदा उनको मिला. जबकि प्रतिमा बागरी सिर्फ संगठन तक ही एक्टिव थीं.

WATCH LIVE TV

Trending news