बस्तरः नक्सली ड्रोन से सुरक्षाबलों की कर रहे जासूसी, देखते ही गोली मारने के आदेश
सीआरपीएफ (CRPF) की जांच में खुलासा हुआ है कि सीआरपीएफ की माओवाद प्रभावित बस्तर (Bastar) क्षेत्र की छावनियों पर मंडराने वाले ड्रोन माओवादी (Maoist) ही उड़ा रहे हैं.
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बस्तरः छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) के नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxalite affected Area) में नक्सलियों का ड्रोन सुरक्षा बलों के लिए नई चुनौती बन गया है. सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, सीआरपीएफ (CRPF) की जांच में खुलासा हुआ है कि सीआरपीएफ की माओवाद प्रभावित बस्तर (Bastar) क्षेत्र की छावनियों पर मंडराने वाले ड्रोन माओवादी (Maoist) ही उड़ा रहे हैं, जिसके जरिए वह सुरक्षाबलों की जासूसी कर रहे हैं. इस संबंध में सीआरपीएफ ने केंद्रीय गृहमंत्रालय (Central home ministry) को रिपोर्ट भेजी है.
सीआरपीएफ द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृहमंत्रालय ने ऐसे ड्रोन (Drone) दिखने पर मार गिराने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही जवानों को 24 घंटे सतर्क रहने और मोर्चाबंदी को अधिक पुख्ता रखने के भी निर्देश दिए हैं. बता दें कुछ महीने पहले सुकमा जिले के किस्टाराम (Kistaram) में सीआरपीएफ कैंप (CRPF Camp) के ऊपर रहस्यमय रोशनी देखी गई थी, ये लगातार दो- तीन रातों तक कैंप के ऊपर मंडराता रही, जिसके बाद शुरू की गई जांच में सामने आया कि वैसी ही रोशनी और आवाज बासागुड़ा, सारकेगुड़ा और गोलापल्ली कैंप के ऊपर दिखी थी,.
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रिपोर्ट में इसे ड्रोन बताया गया है कि अफसरों को आशंका है कि बड़े माओवादी लीडर ड्रोन (Drone) के जरिए कैंप की मोर्चाबंदी का मॉडल तैयार कर रहे हैं, ताकि उनपर हमले के लिए नक्सलियों को प्रशिक्षित किया जा सके. इसके अलावा सुरक्षाबलों (Security forces) को डराना भी उनका एक मकसद हो सकता है. वहीं सुरक्षाबलों के कैंप के ऊपर ड्रोन के मंडराने की खबर मिलने के बाद खूफिया एजेंसियां भी चिंतित हैं. खूफिया एजेंसियां (Intelligence agencies) उन दो कैंपों को लेकर और भी चिंतित हैं, जिनके ऊपर इन ड्रोन्स को मंडराते हुए देखा गया है. क्योंकि ये दोनों ही कैंप नक्सल प्रभावित इलाके में हैं.
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