प्रदेश के 2048 खरीदी केंद्रों के साथ राज्य की 48 मंडियों और 76 उपमंडियों में धान की खरीदी होगी. इस साल 54 नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. प्रदेश में धान खरीदी के साथ मक्के का भी आज से ही समर्थन मूल्य मिलेगा.
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रायपुर: छत्तीसगढ़ में आज से यानि 1 दिसंबर से धान खरीदी की शुरूआत हो रही है. प्रदेश के 2048 खरीदी केंद्रों के साथ राज्य की 48 मंडियों और 76 उपमंडियों में धान की खरीदी होगी. इस साल 54 नए खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. प्रदेश में धान खरीदी के साथ मक्के का भी आज से ही समर्थन मूल्य मिलेगा.
15 फरवरी 2020 तक प्रदेश में धान की खरीदी की जाएगी. सभी केंद्रों पर 1815 और 1835 रुपए की दर से धान की खरीदी होगी. बता दें कि बेहतर क्वालिटी के धान का मूल्य 1835 रुपए रखा गया है, उसके अलावा धान का मूल्य 1815 रुपए होगा. इस बार सरकार ने 85 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. इसके लिए लगभग 4 लाख 25 हजार बारदानों की भी व्यवस्था की गई है. इनमें 2 लाख 70 हजार नए बारदमान हैं. इस बार किसानों को डिजिटल मोड से ही भुगतान होगा. धान खरीदी केन्द्रों पर कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर के साथ-साथ मॉयश्चर मशीन भी उपलब्ध कराई गई है. किसानों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए सभी केन्द्रों पर एक टोल फ्री नंबर भी लगाया गया है. बड़े किसानों के लिए अधिकतम पांच बार धान बेचने की परमिशन दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक इस साल प्रदेश के 19 लाख 56 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीकृत किया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले दो लाख 58 हजार ज्यादा है.
उधर धान के बोनस को लेकर बीजेपी ने बघेल सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. बीजेपी आज छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. इसके लिए बीजेपी ने नारा दिया है "धान ला तोल नहीं ते हल्ला बोल"... बीजेपी कार्यकर्ता धान खरीदी केन्द्रों के बाहर भी तंबू लगाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.
वहीं धान खरीदी के मुद्दे पर प्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने ज़ी MP-CG से खास बातचीत में कहा कि फिलहाल राज्य सरकार केन्द्र के नियम के तहत बंधी है. इसलिए 1815 रुपए में धान खरीदी की जा रही है, लेकिन किसानों तक हर हाल में 2500 रुपए पहुंचाए जाएंगे. इस दौरान बीजेपी के आंदोलन पर निशाना साधते हुए भगत ने कहा कि जो किसानों को 2500 रुपए दिलवाने के लिए पीएम को एक चिट्ठी तक नहीं लिख पाए वो अब आंदोलन कर रहे हैं.