आजादी के 72 साल बाद इस इलाके में पहुंची रेल सेवा, स्वागत में लोगों ने बजाए ढोल
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आजादी के 72 साल बाद इस इलाके में पहुंची रेल सेवा, स्वागत में लोगों ने बजाए ढोल

इस छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का शिलान्यास 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था.

आदिवासी अंचल के लिहाज से रेल कनेक्टिविटी एक बड़ी सौगात के रूप में है.

अलीराजपुर: मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले की जनता को रेल सेवा के रूप में एक बड़ी सौगात मिली है. अलीराजपुर में आजादी के बाद पहली बार रेल सेवा शुरू हुई है. अलीराजपुर के लोगों ने इस दौरान ट्रेन का जश्न मनाते हुए स्वागत किया. वहीं, जिले को मिली इस सौगात को लेकर कांग्रेस और भाजपा में श्रेय लेने की होड़ सी मची गई है.

ढोल नगाड़ों के साथ आतिशबाज़ी करते हुए लोगों ने अलीराजपुर में रेल सेवा शुरू किये जाने का जश्न मनाया. देश की आजादी के बाद पहली बार इस आदिवासी अंचल को यात्री रेल सेवा की सौगात मिला है. इस दौरान जिले के हजारों लोगों ने खूब जश्न मनाया और रेल और रेलवे अधिकारियों का ढोल नगाड़ों से स्वागत किया.

बता दें कि इस छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना का शिलान्यास 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था. शिलान्यास के करीब 11 सालों के बाद इस परियोजना के अलीराजपुर तक के हिस्से का शुभारंभ किया गया. इस परियोजना में तीन सौ पचास करोड़ से ज़्यादा की लागत आई है. फिलहाल अलीराजपुर से गुजरात से बड़ौदा तक यहां से एक यात्री रेल की शुरू की गई है. आदिवासी अंचल के लिहाज से रेल कनेक्टिविटी एक बड़ी सौगात के रूप में है.

वहीं, इस रेल सौगात को लेकर अब सिसायत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इसे यूपीए सरकार की देन बताते हुए भाजपा पर जबरन श्रेय लेने की राजनीति करने का आरोप लगाया है. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम में न बुलाये जाने से नाराज़ कांग्रेसियों ने सांसद गुमान सिंह डामोर का पुतला भी फूंका. इधर सांसद ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए जबरन राजनीति करने का आरोप लगाया. सांसद ने कहा कि कार्यक्रम में पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया गया है. बहरहाल आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच अलीराजलुर जिले की जनता इस रेल सौगात को लेकर काफी खुश और उत्साहित है. आपको बता दें कि यह रेल सेवा मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल को गुजरात से सीधे जोड़ने का काम करेगी.

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