Madhya Pradesh Desi Pots: भीषण गर्मी में मध्यप्रदेश देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को ठंडा पानी पिला रहा है, दरअसल, बढ़ते तापमान की वजह से भीषण गर्मी पड़ रही है, जिसके चलते मध्यप्रदेश में बने मटकों की डिमांड कई राज्यों में हैं. मालवा जोन में बनने वाले मटके राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से लेकर दूसरे कई राज्यों में भेजे जा रहे हैं. क्योंकि यहां के बने मटकों का पानी ठंडा रहता है. ऐसे में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही हैं वैसे-वैसे मटकों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है.
बढ़ते तापमान के बीच मालवाचंल के मटकों की डिमांड मध्यप्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी बढ़ती जा रही है. एमपी के अलावा सीमावर्ती राज्य राजस्थान में भी मटकों की डिमांड सबसे ज्यादा हो रही है.
मटकों की मांग बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण है, यहां के मटको का पानी ठंडा रहना. ये मटके इतने ठंडे होते है की फ्रिज के पानी से परहेज करने वाले लोगों के लिए यह सबसे ज्यादा आसान तरीका होता है.
मालवा के मटको को देसी फ्रिज भी कहा जाता है, क्योंकि यह फ्रिज से भी ठंडा पानी रखते हैं, जबकि यह पाचन के लिए बेहतर माना जाता है, यही वजह है कि यहां मटको की सबसे ज्यादा डिमांड की जा रही है.
मालवा के मटको की सबसे बड़ी खासियत यह भी होती है कि यह मटके मशीनों से नहीं बल्कि हाथों से बनाए जाते हैं. इसके अलावा यह यहां की काली मिट्टी से बनाए जाते हैं, जिससे यह काफी ज्यादा ठोस बनते हैं.
मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मिट्टी को खोदकर लाया जाता है, फिर उन्हे साफ करने के बाद गलाया जाता है. मिट्टी जब गल जाति है तब उसके मटके बनाये जाते उस के बाद मटको को भट्टी में पकाया जाता है ओर फिर इन्हे रंग रोगन कर बाजार में बेचने के लिए लाया जाता है.
मध्यप्रदेश में इस समय मालवा के मटको भारी डिमांड हो गई है, बड़े शहरों में रहने वाले लोगों के गलों को शीतल जल देने के लिए यहां से बड़ी-बड़ी गाड़ियां भरकर मटके भेजें जा रहे हैं, जिनकी बाजार में जमकर डिमांड है.
अब जिस तरह से गर्मी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ऐसे मे गले को ठंडे पानी से तर रखने वाले इन मटको की डिमांड बढ़ती जा रही है, बाजारों मे ऐसे हालत होते है की अच्छी क्वालिटी के मटके सुबह सुबह ही खरीद लिए जाते है.
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