Indore Manmad Railway Line: इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन मध्य प्रदेश के लिए बेहद अहम मानी जा रही है, पिछले कुछ महीनों में इस प्रोजेक्ट में तेजी आई है और कई अहम फैसले हुए हैं, जिससे तेजी से इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन का काम शुरू होने की उम्मीद की रही है. मालवा रीजन के लिए यह रेलवे लाइन लाइफ लाइन मानी जा रही है, क्योंकि इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन से न केवल व्यापार में तेजी आएगी बल्कि ट्रेनों की स्पीड बढ़ने से मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की कनेक्टिविटी और भी ज्यादा अच्छी हो जाएगी. इंदौर से मनमाड़ तक जाने वाली इस रेल लाइन से मध्य प्रदेश के कई जिलों को फायदा होने वाला है, क्योंकि एमपी में भी बड़ी संख्या में नए स्टेशन बनेंगे, जहां ट्रेनों का स्टॉपेज बढ़ने से यहां के लोगों को भी फायदा होगा, खास तौर पर मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी. फिलहाल एमपी के धार और बड़वानी जैसे बड़े जिलों में भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है.
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इंदौर मनमाड़ रेलवे लाइन के लिए अब भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है. पिछले कुछ महीनों में इस बड़े प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण प्रगति आई है. जिससे इंदौर और मनमाड़ के बीच में बेहतर रेल कनेक्टिविटी के लिए अब तेजी से काम किया जा रहा है.
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इंदौर से मनमाड़ के बीच बिछने वाली इस रेलवे लाइन को मध्य प्रदेश के मालवा के लिए लाइफ लाइन कहा जा रहा है. 309 किलोमीटर इस लंबी रेलवे लाइन के लिए दिसंबर तक भौतिक सर्वे पूरा होने की उम्मीद की जा रही है.
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इस रेलवे लाइन के बनने से इंदौर से मुंबई की दूरी भी बहुत कम हो जाएगी. अभी इंदौर से मुंबई जाने के लिए उज्जैन रतलाम से होते हुए जाना पड़ता है, लेकिन इंदौर से मनमाड़ के बीच नई रेल लाइन बिछ जाने से दोनों शहरों की दूरी लगभग 300 किलोमीटर तक कम हो जाएगी.
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इंदौर और महाराष्ट्र के बीच सबसे ज्यादा व्यापार होता है, ऐसे में सबसे ज्यादा फायदा इंदौर और महाराष्ट्र के बीच व्यापार होगा. क्योंकि रेलवे ट्रेक बनने से मालगाड़ियों की आवाजाही सबसे ज्यादा होगी, ऐसे में इंदौर मनमाड़ रेलवे लाइन व्यापार के लिए जरूरी मानी जा रही है.
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इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन से करीब 30 लाख लोगों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे एमपी के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों को पहली बार रेलवे से जोड़ा जाएगा. 2029 तक रेलवे ने इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य बनाया है, जो बड़ी उपलब्धि होगी.
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इंदौर से मनमाड़ रेलवे लाइन की खासियत यह है कि इसके बीच में करीब 34 रेलवे स्टेशन बनेंगे, इसके अलावा लगभग 20 किलोमीटर लंबी सुरंग यानि टनल का निर्माण भी होगा, जो इसकी सबसे बड़ी खासियत है. बीच में कई पुलों और आधुनिक संरचनाओं का निर्माण भी किया जाएगा.
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नई रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है, प्रदेश के 3 जिलों में 77 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिसके लिए जनवरी से प्रक्रिया शुरू हो गई है. अक्टूबर 2025 के बाद जमीनी अधिग्रहण के काम में तेजी आई है.
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