MP GK: मध्य प्रदेश अपनी सम्रद्ध शिक्षा विरासत के लिए भी जाना जाता है, जहां कई बड़े और अहम विश्वविद्यालय हैं, लेकिन एक यूनिवर्सिटी ऐसी भी है, जिसका निर्माण आजादी के पहले ही हो गया था, जिसे एक महान व्यक्ति डॉ. हरिसिंह गौर ने अपनी पूरी संपत्ति दान करके बनवाया था. पहले इसे सागर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसे डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है, जो सागर शहर में एक शानदार पहाड़ी पर बनी हुई है.
सागर शहर का डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शिक्षा संस्थान है, यह मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है और भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, जहां से कई बड़ी हस्तियां निकली हैं.
सागर शहर में बने इस विश्वविद्यालय का निर्माण आजादी से पहले 18 जुलाई 1946 को हुआ था, तब यह प्रदेश स्तरीय विश्वविद्यालय था, बाद में 15 जनवरी 2009 को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल गया था.
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन सागर विश्वविद्यालय का परिसर बहुत विशाल है. विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर सागर शहर से लगभग 5 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और यह 1,312.89 एकड़ में फैला हुआ है, यह शानदार पहाड़ी पर बना हुआ है.
सागर में बने इस विश्वविद्यालय का निर्माण महान शिक्षाविद डॉ. सर हरिसिंह गौर ने अपनी पूरी संपत्ति दान करके करवाया था, उन्होंने इस विश्वविद्यालय का निर्माण ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तर्ज पर करवाया था.
सागर में बने इस विश्वविद्यालय से महान हस्तियों ने पढ़ाई की है, आचार्य रजनीश ओशो, एमपी के पूर्व सीएम द्वारिका प्रसाद मिश्र, मुनि श्री 108 क्षमासागर, क. स. सुदर्शन पूर्व सरसंघचालक, समेत कई महान नेताओं और अभिनेताओं ने भी यही से पढ़ाई की है.
डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय का जवाहरलाल नेहरू पुस्तकालय मध्य भारत का एक प्रमुख शैक्षणिक पुस्तकालय है, यहां 3.2 लाख से ज्यादा किताबें और मेग्जीन रखी हुई हैं, पुस्तकों, पत्रिकाओं के साथ-साथ अब ई-संसाधन और दुर्लभ संग्रह यहां उपलब्ध हैं.
इस विश्वविद्यालय में 11 स्कूलों के माध्यम से स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जहां से छात्र पढ़ाई करके पीएचडी की डिग्री हासिल करते हैं, यह मध्य प्रदेश का बड़ा और उच्चतम शैक्षणिक संस्थान है.
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