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बुंदेलखंड में बनती है स्पेशल हरी चटनी, सिलबट्टे पर मिलता है एनर्जी का खजाना

Special Green Chutney: बुंदेलखंड अंचल के सागर, छतरपुर, दमोह और टीकमगढ़ जिलों में एक खास चटनी बनाई जाती है, जो एनर्जी के लिए खास मानी जाती है. यह चटनी स्वाद के शौकीनों के लिए बेहद खास होती है. 

चने की चटनी

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चने की चटनी

चने की चटनी मुख्य रूप से बुंदेलखंड अंचल में महिलाएं बनाती है, यह चटनी हरे चने और चने की पत्तियों को मिक्स करके सिलबट्टे पर बनाई जाती है, जो शरीर के लिए भी बेहद उपयोगी मानी जाती है.

बुंदेलखंड में बनती है यह चटनी

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बुंदेलखंड में बनती है यह चटनी

यह चटनी मुख्य रूप से बुंदेलखंड अंचल के दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना जिलों में बनाई जाती है, क्योंकि यहां पर चने की फसल बहुतायत में होती है, जिससे यहां यह पसंद की जाती है.

कैसे बनती है

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कैसे बनती है

चने की चटनी बनाने के लिए हरे चने और चने की पत्तियां ली जाती है, फिर उसमें प्याज, लहसुन और नकम, मिर्ची और हल्की से हल्दी मिलाकर उसे सिलबट्टे पर शानदार तरीके से पीसा जाता है, महीन पिसाई की जाती है. कई लोग स्वाद अनुसार हल्का टमाटर भी मिलाते हैं. 

हरे चने में होता है प्रोटीन

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हरे चने में होता है प्रोटीन

बता दें कि हरा चना भी शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम और पोटैशियम की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करता है और ह्रदय को भी मजबूत बनाता है. 

हरी चटनी का चलन

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हरी चटनी का चलन

सर्दियों के मौसम से लेकर गर्मियों का मौसम आने तक यह चने की हरी चटनी लोगों को खूब पसंद आती है, हालांकि यह इसका आखिरी सीजन होता है. क्योंकि आप मार्च के आखिरी तक ही इसका आनंद ले पाते हैं. 

चने की फसल

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चने की फसल

बुंदेलखंड अंचल के सभी जिलों में चने की फसल अच्छी होती है, यहां किसान हर साल चना लगाते हैं. यह वह वक्त है जब चना पूरी तरह से पकने या पकने वाला होता है. ऐसे में रोजमर्रा के लिए लोग हरी चटनी खाते हैं. 

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