Chhattisgarh Unique Village: छत्तीसगढ़ में एक अनोखा गांव हैं, जहां एक दो नहीं बल्कि 147 तालाब हैं. खास बात यह है कि कोंडागांव जिले में आने वाला यह गांव कभी बस्तर की राजधानी हुआ करता था, जो अब एक पर्यटन क्षेत्र भी बनता जा रहा है. बताया जाता है कि इस गांव में यह तालाब रियासत कालीन हो जो पुराने राजा महाराजाओं ने खुदवाए थे, इन तालाबों की वजह से यहां जलसंकट नहीं होता है गांव के लोग भी लगातार इन तालाबों की रक्षा कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में डोंगर ग्राम पंचायत की है, इस गांव में 147 सरोवर यानि तालाब हैं, जो र्मियों के दिनों में भी पानी से लबालब भरा रहता है इन तालाबों को रियासत काल में राजा महाराजाओं ने खुदवाया था.
इन तालाबों की वजह से न केवल डोंगर गांव में बल्कि आसपास के कई गांवों में भी पानी की समस्या नहीं होती है, जिससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है. लोगों को पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता.
राजा महाराजाओं की दूर दृष्टि इतनी अधिक थी कि उन्होंने रियासत काल में ही छोटे से गांव में 147 तालाब प्रजा के लिए खुदवाए थे, जो आज भी उपयोगी साबित हो रहे है शायद राजा महाराजाओं को पता था कि आने वाले दिनों में जल संकट गहरा सकता है, इसलिए यह तालाब बने.
ग्रामीणों ने बताया कि रियासत काल में खुदवाए गए इन तालाबों का पानी कभी नहीं सूखता है, यही नहीं यहां पर दो बड़े-बड़े बांध भी खुदवाएं गए हैं, अब कुछ तालाब में जो समय के साथ उनकी गहराई कम हुई है तो उनकी गहराई के लिए ग्राम पंचायत भी कार्य कर रहा है.
बताया जाता है कि डोंगर गांव ब्रिटिश शासन काल में बस्तर की राजधानी हुआ करता था, ऐसे में इस गांव का अपना पुराना इतिहास भी है. आज भी इस गांव में कई पुराने अस्तित्व दिख जाते हैं, क्योंकि गांव बहुत पुराना है.
एक ही गांव में एक साथ 147 तालाब होने से यह गांव काफी ज्यादा फेमस भी है, जिससे यहां छत्तीसगढ़ के पर्यटकों का पहुंचना भी शुरू हो गया है. क्योंकि गर्मियों में 147 तालाबों का नजारा देखने भी दिलचस्प होता है.
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