मंडला और बालाघाट में हितग्राहियों ने घटिया चावल मिलने की शिकायत की थी. जिस पर केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ने चावलों की गुणवत्ता की जांच की थी. जांच में पाया गया था कि जो चावल गरीबों में बांटे गए थे वो जानवरों के खिलाने लायक थे.
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भोपाल: बालाघाट और मंडला में गरीबों में घटिया चावल बांटने के मामले में शिवराज सरकार की परेशानी बढ़ गई है. घटिया चावल बांटने पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. पीएमओ ने इस पूरे मामले की जानकारी प्रदेश सरकार से मांगी है.
क्या था मामला?
आपको बता दें की लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यों से गरीबों को राशन वितरण करने के आदेश दिए थे. इसी को लेकर प्रदेश के मंडला और बालाघाट समेत सभी जिलों के गरीबों को चावल बांटे गए थे. मंडला और बालाघाट में हितग्राहियों ने घटिया चावल मिलने की शिकायत की थी. जिस पर केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ने चावलों की गुणवत्ता की जांच की थी. जांच में पाया गया कि जो चावल गरीबों में बांटे गए थे वो जानवरों के खिलाने लायक थे. इस पर कमलनाथ ने भी सरकार पर सवाल उठाए थे और दोषी अधिकारियों के सख्त सजा देने की मांग की थी. वहीं कांग्रेस के नेता भूपेंद्र गुप्ता ने शिवराज सरकार को क्रूर तक कह दिया था. जबकि इस मामले के उजागर होने पर खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने मामले की जानकारी नहीं होना बता दिया था.
घटिया चावल मामलाः बालाघाट की 8 मिल सील, 10 और मिलों पर होगी कार्यवाही, FIR के आदेश
घोटाले के बाद एक्शन मोड में शिवराज सरकार
बुधवार को यह मुद्दा पूरे प्रदेश में छाया रहा. जिसके बाद शिवराज सरकार ने दोनों जिले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की थी. वहीं पूरे प्रदेश में चावलों की जांच के लिए एफसीआई के साथ टीम गठित की थी. टीम ने रात में ही बालाघाट में कार्यवाही करके 8 मिलों को सील कर दिया था. जबकि 10 राइस मिलों के खिलाफ उसकी जांच जारी है.
अब इस मामले में केंद्र ने भी सख्ती दिखाते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार से जवाब तलब किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने सरकार से पूरे मामले की जानकारी मांगी है.
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