गोवा, कर्नाटक में सियासी उठापटक के बाद मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार में हलचल
Advertisement

गोवा, कर्नाटक में सियासी उठापटक के बाद मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार में हलचल

कमलनाथ ने कराई विधायकों की अघोषित परेड. बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्र ने कहा- एमपी में भी मौसम होगा खुशनुमा

 

गोवा और कर्नाटक में राज्य सरकार को लेकर चल रही सियासी उठापटक की धमक मध्यप्रदेश में भी पहुंच गई है.

भोपाल: गोवा और कर्नाटक में राज्य सरकार को लेकर चल रही सियासी उठापटक की धमक मध्यप्रदेश में भी पहुंच गई है. यहां भी कांग्रेस विधायकों की गतिविधि पर सबकी नज़र है. कांग्रेस विधायक क्या कर रहे हैं और कहां जा रहे हैं? ये जानने के लिए केवल कांग्रेस फिक्रमंद नहीं हैं बल्कि बीजेपी भी सक्रिय हो रही है. जब ये खबर आती है कि कांग्रेस के एक नेता ने अचानक डिनर की दावत दी है. खासतौर पर उन्हें जो या तो सरकार के कांग्रेसी विधायक हैं और सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय और सपा, बसपा जैसी पार्टियों के विधायक तो मामला और भी दिलचस्प हो जाता है. 

बीजेपी विधायक और मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर रहे नरोत्तम मिश्रा ने जब इसी बात पर एक शिगूफा छेड़ दिया कि गोवा और कर्नाटक के रास्ते मॉनसून मध्य प्रदेश आ रहा है और झमाझम बरसात की संभावना है तो विधानसभा में एक नई बहसबाज़ी शुरू हो गई. बहस इस बात को लेकर कि कहीं ये दावत विधायकों की इमरजेंसी परेड कराकर ये साबित तो करने की तो नहीं कि 121 विधायक एकसाथ हैं और मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार मज़बूत है.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डिनर के सवाल पर कहा - 'मध्य प्रदेश में गोवा और कर्नाटक जैसी स्थिति नहीं है. डिनर को लेकर कोई डिप्लोमेसी नहीं है. हमने डिनर पर दिल्ली को लेकर चर्चा की है.' डिनर की दावत देने वाले कमलनाथ कैबिनेट के हेल्थ मिनिस्टर तुलसी सिलावट साफगोई से कहते हैं कि हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल में थे, भोपाल में ही रात्रि विश्राम था इसलिए उनके साथ सभी साथियों को डिनर की दावत दे दी. खैर, दावत हुई और कांग्रेसी विधायकों समेत सरकार को बाहर से समर्थन देने वाले विधायकों की मौजूदगी ने बहुमत का एहसास करा दिया. कमलनाथ और सिंधिया की मौजूदगी में ये तस्वीरें दिल्ली में बैठे उन कांग्रेसी दिग्गजों के लिए तसल्ली देने वाली थी, जो गोवा और कर्नाटक में कांग्रेसी विधायकों के छिटकने का तजुर्बा करने के बाद मध्य प्रदेश के मामले में चिंता कर रहे थे.

अगले ही दिन विधानसभा में जब कांग्रेसी तसल्ली महसूस कर रहे थे तो नरोत्तम मिश्रा ने स्पीकर से मुखातिब होकर एक सवाल पूछ लिया - 'किसी ने वॉट्सएप मैसेज भेजा है. गोवा और कर्नाटक के रास्ते मॉनसून मध्य प्रदेश पहुंच रहा है. जल्द ही यहां मानसूनी बरसात होगी.' उन्होंने स्पीकर से पूछा - इस मैसेज का मतलब क्या है? सियासी हलकों में इस सवाल ने बवाल मचाया. जबाव दिया वित्त मंत्री तरुण भनोत ने. उन्होंने कहा, 'गोवा और कर्नाटक में बीजेपी ने अपने चरित्र का प्रदर्शन किया है लेकिन हमें चिंता नहीं है. हम मिलकर एक जगह होकर भोजन करते हैं. इन लोगों को इसमें भी राजनीति दिखती है तो ये परेशानी है." उन्होंने कहा कि मॉनसून की आस सूखे जलाशयों को है. बीजेपी के लोग बिना सत्ता के छटपटा रहे हैं लेकिन ये सत्ता के भूखे सियासत के ये सूखे जलाशय कभी भरने वाले नहीं है. 

मध्य प्रदेश विधानसभा का गणित
कुल सीटें - 230
कांग्रेस - 114
बीजेपी - 108 (एक विधायक का सांसद चुने जाने के बाद खाली सीट के बाद की स्थिति)
निर्दलीय - 4 (सभी का कांग्रेस को समर्थन, एक निर्दलीय विधायक सरकार में मंत्री)
सपा - 1 विधायक (सरकार को बाहर से समर्थन)
बसपा - 2 विधायक (सरकार को बाहर से समर्थन)
बहुमत का आंकड़ा - 116 

 

Trending news