मध्य प्रदेश में 'छपाक' का विरोध, TanhaJi फिल्म को टैक्स फ्री करने की उठी मांग
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मध्य प्रदेश में 'छपाक' का विरोध, TanhaJi फिल्म को टैक्स फ्री करने की उठी मांग

रामेश्वर शर्मा ने तान्हाजी फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मांग है कि वो सीएम कमलनाथ से बात कर तान्हाजी फिल्म को टैक्स फ्री कराएं.

 

भोपाल और ग्वालियर में फिल्म छपाक का विरोध.

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' को टैक्स फ्री करने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. ABVP अब तान्हाजी फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग कर रही है. आज राजधानी भोपाल में एक तरफ NSUI ने छपाक फिल्म की टिकट फ्री में बांटी, तो वहीं ABVP ने तान्हाजी फिल्म की टिकट फ्री में बांटी.

गौरतलब है कि दीपिका पादुकोण के JNU जाने के बाद से उनका और उनकी फिल्म छपाक का विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर भी बायकॉट छपाक पिछले कई दिनों से ट्रेंड पर है.

ग्वालियर में भी दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक का विरोध किया गया. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट ने विरोध करते हुए डीडी मॉल पर दीपिका पादुकोण के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही क्षत्रिय महासभा ने दीपिका के माफी मांगने तक विरोध जारी रखने का ऐलान किया है. हालांकि, हंगामे की आशंका को देखते हुए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. बता दें कि ग्वालियर के 4 सिनेमाघरों में छपाक फिल्म को रिलीज किया गया है.

बीजेपी ने की ताण्हाजी को टैक्स फ्री करने की मांग

उधर, बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने दीपिका की फिल्म छपाक को लेकर निशाना साधा. उन्होंने पूछा कि दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक से जो पैसा मिलेगा वो कहीं आतंकवादियों, देश विरोधी ताकतों को तो नहीं जाएगा. इसके साथ ही रामेश्वर शर्मा ने तान्हाजी फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मांग है कि वो सीएम कमलनाथ से बात कर तान्हाजी फिल्म को टैक्स फ्री कराएं. जिससे तान्हाजी और जीजाबाई के बलिदान को लोग समझ सकें.

फिल्म के विरोध पर सीएम कमलनाथ का ट्वीट

फिल्म छपाक को लेकर हो रहे विरोध के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath) ने आज ट्वीट किया और लिखा कि "फिल्मों व कलाकारों को दलों में, विचारधाराओं में बांटना और राजनीति से जोड़ना पूरी तरह से गलत परंपरा है. यह परंपरा पिछले कुछ वर्षों से प्रारंभ हुई है. कई फिल्में अच्छे सामाजिक संदेश के साथ व सामाजिक बदलाव के उद्देश्य के साथ बनती है. कलाकार भी एक इंसान, उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आज़ादी है. उसके लिये उन्हें कोसना, उनका विरोध करना, उनके विरोध में बोलना कतई उचित नहीं है. विचारधारा के आधार पर एक फिल्म का सपोर्ट, एक का विरोध, यह हम देश को कहां ले जा रहे हैं ?. 
सीएम ने आगे लिखा कि सभी फिल्मों को, सभी कलाकारों को एक नजरिये से देखना चाहिये. कलाकारों को बांटना कतई सही नहीं. मैं तो जनता से अपील करता हूं कि वे अपनी सोच, विचार, मनोरंजन व पसंद अनुसार कोई भी फिल्म देखें, यह उनका अधिकार. देश में किसी को हक नहीं कि वो हमें बताये कि हम क्या देखें, कौन सी फिल्म देखें, कौन सी नहीं. सभी फिल्में कोई ना कोई अच्छा व सामाजिक संदेश लेकर आती है."

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