मांधाता पहुंचे बीजेपी प्रत्याशी नारायण पटेल से लोगों ने पूछा किस मुंह से यहां वोट मांगने आए हो?
नारायण पटेल खंडवा जिले के सीवर और फेपरिया गांव में कल रविवार को चुनावी जन-अभियान के लिए गए थे. गांव पहुंचते ही वहां पर गांव के युवाओं द्वारा नारायण पटेल पर जमकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया
मांधाताः खंडवा जिले की मांधाता विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार नारायण पटेल को एक बार फिर ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा है. रविवार को फेफरिया और सीवर गांव के लोगों ने उनका खुलेआम विरोध किया. ग्रामीणों का कहना था कि पिछला चुनाव जीतने के बाद कभी पलट कर वापस नहीं आए और अब दोबारा वोट मांगने आ गए. नारायण पटेल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. लेकिन अब पार्टी छोड़ भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले मोहद और गुराडिया गांव के लोगों ने भी उनका विरोध किया.
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जन-अभियान के दौरान ही जनता ने किया विरोध
दरअसल, नारायण पटेल खंडवा जिले के सीवर और फेपरिया गांव में कल रविवार को चुनावी जन-अभियान के लिए गए थे. गांव पहुंचते ही वहां पर गांव के युवाओं द्वारा नारायण पटेल पर जमकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया गया. युवाओं ने तो यहां तक कह डाला कि जीतने के बाद गांव में चेहरा दिखाने तक नहीं आए और अब पाला बदलकर एक बार फिर हम से वोट मांगने आ गए हैं. इसपर नारायण पटेल कोई जवाब देने की स्थिति में नजर नहीं आएं.
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नारायण पटेल का विरोध यही नहीं रुका. स्थिति यह बन गई कि उनके सामने ही नारा लगा कि गांव वासी अब सिर्फ़ निर्दलीय उम्मीदवारों को ही वोट देंगे. बाक़ी की दाल नहीं गलेगी. ऐसे में भारी विरोध होता देख नारायण पटेल को अपने जन अभियान को बीच मे छोड़कर गांव से वापस जाना पड़ा. एक तरफ़ विपक्ष तो उनपर हमलावर है ही, ऊपर से जनता का विरोध. ऐसे में अब नारायण पटेल की किस्मत सिर्फ़ नारायण के हाथ में ही मालूम पड़ती है.
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जनता लगा रही बिकाऊ होने के आरोप
नारायण पटेल ने जब से कांग्रेस का दामन छोड़ा है. ऐसा लगता है क़िस्मत ने भी उनका साथ छोड़ दिया है. एक तरफ़ भाजपा का शीर्ष नेतृत्व नारायण पटेल को चुनाव जिताने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा रहा है. तो दूसरी तरफ नारायण पटेल आएं दिन नई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. जिससे उनका चुनावी अभियान तो प्रभावित हो ही रहा. साथ में उनका राजनीतिक भविष्य भी प्रभावित हो रहा है. अभी तक तो कांग्रेस पार्टी उनपर बिकाऊ होने का आरोप लगा रही थी. अब नारायण पटेल के हिस्से में जनता का मुखर विरोध भी शामिल हो रहा है.
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