Chhattisgarh Politics on Caste Census: छत्तीसगढ़ में जाति जनगणना को लेकर सियासत शुरू हो गया है. एक तरफ कांग्रेस का आरोप है कि सरकार हमारे नेताओं के दबाव में ऐसा फैसला ली है. आइए जानते हैं इसको लेकर क्या बोली बीजेपी.
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Modi Govt On Caste Census: देश में जातीय जनगणना को लेकर विपक्षी पार्टियां काफी लंबे समय से मांग कर रही थी. इन सबके बीच केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से राष्ट्रीय जनसंख्या सर्वे के साथ जाति जनगणना कराने का ऐलान किया गया है. एक तरफ विपक्ष की मांग तो दूसरी तरफ इसको बीजेपी सरकार द्वारा पूरा करना देश के सियासी समीकरण को ही बदल दिया है. क्योंकि, मोदी सरकार के इस फैसले पर अब विपक्षी पार्टियां भी सवाल नहीं कर सकती. हालांकि, अब कांग्रेस आरोप लगा रही है कि हमारे दबाव में आकर सरकार ने ऐसा फैसला लिया है. आइए जानते हैं जातीय जनगणना को लेकर क्या कुछ बोले हैं, छत्तीसगढ़ के कांग्रेस और बीजेपी के नेता.
कांग्रेस की मेनिफेस्टो में भी जिक्र
जातीय जनगणना के मामले पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि केंद्र सरकार ने ये फैसला कांग्रेस और कांग्रेस नेताओं के दबाव में लिया है. कांग्रेस हमेशा से इसकी पक्षधर रही है और कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में भी इसका जिक्र था.
कांग्रेस के दबाव पर फैसले की बात ही नहीं
वहीं भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा है कि केंद्र में बहुमत की सरकार है, इसलिए कांग्रेस के दबाव पर फैसले की बात ही नहीं है. कांग्रेस ने फूट डालो राज करो की नीति पर काम किया है, जबकि भाजपा सभी जातियों के लिए काम करती है. भाजपा का ध्येय वाक्य ही है सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास. जातीय जनगणना भी उसी दिशा में उठाया गया कदम है, इससे नीति निर्धारण में फायदा होगा.
जानिए क्या बोले सीएम विष्णुदेव साय
छत्तीसगढ़ के सीएम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का एक्स पोस्ट, लिखा-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आगामी जनगणना में जातियों की गणना को भी सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय की जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम है. सामाजिक सद्भाव और देश के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से यह निर्णय अभिनंदनीय है. कांग्रेस पार्टी, आजादी के बाद से ही हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध करती आई है. आजादी के बाद की किसी भी जनगणना में कांग्रेस ने जातियों की गणना नहीं की. यहां तक कि वर्ष 2010 में, तत्कालीन कांग्रेसनीत यूपीए सरकार में अधिकांश राजनीतिक दलों में जाति जनगणना पर सहमति थी, लेकिन कांग्रेस ने तब भी इसे होने नहीं दिया था. अब भी वह जातियों को आपस में लड़ा कर केवल अपना राजनीतिक हित साधना चाह रही थी. जनगणना केंद्र का विषय है. लेकिन कई राज्यों ने सर्वे के माध्यम से जातियों की जनगणना की है. अनेक राज्यों में यह बिल्कुल राजनीतिक ढंग से किया गया है. ऐसे सर्वें से समाज के सद्भाव को नुकसान पहुंचा है. ऐसी परिस्थितियों में सामाजिक ताना-बाना को मजबूत करने जनगणना के माध्यम से जातियों की गणना को भी सम्मिलित करना ऐतिहासिक निर्णय है. छत्तीसगढ़वासी इस महत्वपूर्ण निर्णय का स्वागत करते हैं, 3 करोड़ प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सहृदय आभार.
केंद्र सरकार को भी झुकना ही पड़ा
जातीय जनगणना के मसले पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- अब केंद्र सरकार को भी झुकना ही पड़ा. हमारे नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की बात शुरु की. विपक्षी दल साथ आकर लगातार आवाज बुलंद करते रहे. और आज केंद्र सरकार को जातिगत जनगणना की घोषणा करनी पड़ी. जातिगत जनगणना को जातिवादी राजनीति का हिस्सा कहने वालों को आज बहुत शर्म आ रही होगी.अब वे इसे उचित ठहराने का बहाना ढूंढेंगे, उन्होंने आगे लिखा- जातिगत जनगणना तो हो पर ईमानदारी से हो. छोटी बड़ी हर जाति की गणना हो. कोई छूटे नहीं. इसका फ़ॉर्मेट सरकार पहले जारी करके सभी दलों से सलाह मशविरा करे तभी जनगणना शुरु हो. तभी सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी.
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