वो बयान जिसने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल को पहुंचाया जेल
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वो बयान जिसने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल को पहुंचाया जेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्राह्मणों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. 

 

नंदकुमार बघेल, सीएम भूपेश बघेल के पिता

रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल को आज रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद उन्हें रायपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया, जहां से नंदकुमार बघेल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस दौरान नंदकुमार बघेल ने जमानत लेने से इनकार कर दिया. बता दें नंदकुमार बघेल ने ब्राह्मणों लेकर विवादित टिप्पणी की थी. लेकिन आखिर ऐसा कौन सा बयान था जिसके चलते सीएम बघेल के पिता को जेल जाना पड़ा. 

दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्राह्मणों को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उनके इस बयान के बाद एक तरफ जहां ब्राह्मण समाज ने विरोध शुरू कर दिया. तो बीजेपी भी सीएम के पिता के बयान के खिलाफ कांग्रेस पर हमलावर हो गई. मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद अपने पिता के बयान पर नाराजगी जाहिर की उन्होंने कहा कि कानून के ऊपर कोई नहीं है. चाहे उनके पिता ही क्यों न हो. मामले में को लेकर धीरे-धीरे पूरे देश में सीएम के पिता का विरोध हो रहा था. इस बीच आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया. 

इस बयान के वजह से जेल पहुंचे नंदकुमार बघेल 
नंदकुमार बघेल ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि  "अब वोट हमारा राज, तुम्हारा नहीं चलेगा. हम यह आंदोलन करेंगे. ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा भेजेंगे. वे विदेशी हैं और जिस तरह अंग्रेज आए और चले गए, उसी तरह ये ब्राह्मण सुधर जाएं या फिर गंगा से वोल्गा जाने के लिए तैयार रहें."  

यही वो बयान था जिसके बाद पूरे देश में ब्राह्मणों ने नंदुकमार बघेल का विरोध शुरू कर दिया. जबकि सोशल मीडिया पर भी उनके इस बयान की जमकर आलोचना हुई थी. नंदकुमार बघेल के बयान के कुछ अंश भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. जिसके बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डीडीनगर थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. इसके बाद भी शहर के कई थानों में शिकायत दर्ज हो रही है. जबकि देश के अन्य राज्यों में सीएम बघेल के पिता का विरोध शुरू हो गया था. 

सीएम बघेल ने कहा था कि कानून से ऊपर कोई नहीं 
पिता के दिए गए बयान पर जब विवाद बढ़ा तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद आगे आकर मामले को लेकर कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, चाहे उनके पिता ही क्यों न हो. दरअसल, तीन दिन पहले नंदकुमार बघेल के बयान से नाराज ब्राह्मण समाज ने रायगढ़ में उनका पुतला दहन किया गया था. जबकि आज मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी नंदकुमार सिंह बघेल पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी. सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, एक पिता होने के नाते उनका पूरा सम्मान है. मुख्यमंत्री के रूप में मेरी जिम्मेदारी है कि समाज के सभी वर्गों के बीच में समरसता और भाईचारा बना रहना चाहिए. 

जागृति मंच नाम की संस्था चलाते हैं नंदुकमार बघेल 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल उम्र 86 साल है. स्वतंत्र रूप से मतदाता जागृति मंच नाम की संस्था चलाते हैं. उनके खिलाफ रायपुर के डीडीनगर थाने में आईपीसी की धारा 153 ए और 505  1 के तहत एफआईआर दर्ज कर किया गया था. नंदकुमार बघेल ने महीने भर पहले उत्तरप्रदेश के लखनऊ में ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद ब्राह्मण समाज के लोगों ने रायपुर में प्रदर्शन भी किया था. बीजेपी छत्तीसगढ़ में नंदकुमार बघेल के बयान को सीएम से जोड़कर ट्वीटर पर हिंदू विरोधी बघेल परिवार नाम से ट्रेंड चला रही है.

चुनाव हराने के अपील भी की थी
हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब नंदकुमार बघेल ने सामान्य वर्ग के खिलाफ कोई टिप्पणी की हो, भूपेश सरकार के मंत्रीमंडल में कई सामान्य वर्ग के मंत्रियों के खिलाफ भी वे सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करते रहे हैं. उन्होनें कांग्रेस के विधायक प्रत्याशियों के पक्ष में कई बार चुनाव हराने की अपील भी की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इससे पहले भी कई बार अपने पिता से अपने वैचारिक मतभेद की बात स्वीकार कर चुके हैं. वे पत्रकारों से कहते रहे हैं कि, नंदकुमार बघेल की अपनी पहचान है, आप खबरों में उनके नाम पर कोट करें, मेरा नाम जोड़कर खबरें प्रकाशित न करें. बता दें कि कई ऐसे किस्से हैं जिनमें नंदकुमार बघेल और पिता भूपेश बघेल के बीच वैचारिक भिन्नता दिखाई पड़ती है. भूपेश बघेल बताते रहे हैं कि, उनके पिता से बचपन से ही उनके विचार मेल नहीं खाते, इसकी वजह से वे घर छोड़कर रायपुर में पढ़ाई करने चले आए थे.

अजीत जोगी ने किताब पर बैन लगवा दिया
2001 में भूपेश बघेल अजीत जोगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. इस दौरान नंदकुमार बघेल ने ब्राहमण कुमार रावण को मत मारो नाम से एक किताब प्रकाशित की थी. अजीत जोगी ने इस किताब पर बैन लगवा दिया था. इसी दौरान नंदकुमार बघेल को जेल भी हुई थी. लेकिन तत्कालीन मंत्री भूपेश बघेल ने अपने पिता को छुड़वाने के लिए किसी तरह के राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल नहीं किया. दिवाली के दिन भी नंदकुमार बघेल जेल में थे, हालांकि उनकी सूचना पर भूपेश बघेल ने बेटे का फर्ज निभाते हुए उनके लिए मिठाईयां जरूर जेल भिजवाई लेकिन तत्कालीन सीएम अजीत जोगी जब भी बघेल से पूछते आपके पिता जेल में हैं, क्या करना है? भूपेश बघेल इतना भर कहते की मेरे उनके वैचारिक मतभेद हैं कानून को अपना काम करने दीजिए. इस किताब से बैन हटवाने नंदकुमार बघेल ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगवाई. लेकिन कोर्ट ने याचिका पर फैसला देते हुए 2017 में बैन को जारी रखने का फैसला दिया.

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