भोपाल: 25 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के ललितपुर से एक व्यक्ति तीन साल की एक बच्ची का अपहरण कर के ले जा रहा था. जब रेलवे सुरक्षा बल को इस बात का पता चला तो रेलवे प्रशासन ने यह तय किया कि इस ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं भी रुकने नहीं देना है वरना अपहरणकर्ता बच्ची समेत बच निकलेगा. रेलवे ने ऐसा ही किया और तकरीबन 240 किलोमीटर तक राप्ती सागर एक्सप्रेस बिना रुके भोपाल तक चली. भोपाल में जब अपहर्ता को बच्ची के साथ पकड़ा गया, अपहर्ता के जवाब से पुलिस भी भौचक्की हो गई. उसने खुद को लड़की पिता बताया. जिसके बाद पुलिस ने उसे वापस ललितपुर भेजा. 


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दरअसल 25 अक्टूबर की शाम को लगभग 7 बजे झांसी स्टेशन रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट के सब इन्स्पेक्टर रविन्द्र सिंह राजावत को ललितपुर के जीआरपी प्रभारी सब इंस्पेक्टर ने सूचना दी कि ललितपुर शहर से एक दुबला-पतला व्यक्ति तीन साल की बच्ची का अपहरण करके गाड़ी नम्बर 02511 राप्ती सागर एक्सप्रेस से भोपाल की तरफ जा रहा है.


अपहरणकर्ता बच्ची का हुलिया बताया
ललितपुर के जीआरपी सब इंस्पेक्टर ने बताया कि बच्ची ने गुलाबी रंग की ड्रेस पहनी है, जबकि अपहरणकर्ता ने क्रीम कलर की शर्ट और काले रंग का लोअर पहन रखा है. बच्ची को ले जा रहा ये व्यक्ति नंगे पैर है.


झांसी से भोपाल पुलिस को सूचना
झांसी कंट्रोल रूम से आरपीएफ ने भोपाल रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स और भोपाल पुलिस सहित सभी सम्बंधित अधिकारियों को बच्ची के अपहरण की जानकारी दे दी और बताया कि राप्ती सागर ट्रेन में अपहरणकर्ता बच्ची को लेकर मौजूद है. वहीं झांसी के सब इंस्पेक्टर एसएन पाटीदार ने बच्ची की मां से अन्य जानकारी लेकर ललितपुर आरपीएफ पोस्ट पर बने कंट्रोल रूम में स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज खंगाली, जिसमें संदिग्ध व्यक्ति एक बच्ची को ले जाते हुए दिख रहा था. ये फुटेज तुरंत भोपाल आरपीएफ और जीआरपी को भी भेज दी गई.


चलती ट्रेन में आरपीएफ ने तैयार की प्लानिंग
झांसी आरपीएफ ने ट्रेन में चल रहे अपने जवानों को हुलिया बताते हुए कहा कि अपहरणकर्ता पर नज़र रखी जाए, लेकिन उसे शक न होने दें. कार्यवाही भोपाल में ट्रेन के रुकते ही की जाएगी. गाड़ी में तैनात ऑन ड्यूटी सीटीआई को भी प्लानिंग बताई गई.


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नॉन स्टॉप दौड़ी ट्रेन
आरपीएफ झांसी ने ऑपरेटिंग कंट्रोल भोपाल को मामला की जानकारी देते हुए प्लानिंग के तहत कहा कि राप्ती सागर ट्रेन को भोपाल से पहले कहीं भी रोका ना जाये. इसके बाद तकरीबन रात 8.43 बजे जब गाड़ी भोपाल पहुंची तो वहां आरपीएफ और भोपाल पुलिस पहले से बड़ी तादाद में अलर्ट खड़ी थी. ट्रेन के रुकते ही योजना के मुताबिक़ ट्रेन में सवार आरपीएफ जवानों के इशारे पर अपहरणकर्ता को धर दबोचा गया और बच्ची को सुरक्षित बचा लिया गया. बाद में पता चला कि बच्ची को उसके पिता ने ही अपने साथ ले जाने का प्लान किया था. पति-पत्नी में किसी बात को लेकर झगड़ो हो गया था. इससे नाराज हो पति 3 साल की बेटी को कहीं ले जा रहा था. 


अपहर्ता को देखा था ट्रेन में चढ़ते
बीबीसी में छपी खबर के मुताबिक ललितपुर के पुलिस अधीक्षक मिर्ज़ा मंज़र बेग ने बीबीसी को बताया, "रविवार शाम एक महिला ने रेलवे स्टेशन पर आकर पुलिस को ख़बर दी कि उसकी तीन साल की बेटी का अपहरण हो गया है. महिला ने यह भी बताया कि अपहरणकर्ता को उसने एक ट्रेन में चढ़ते हुए देखा है. उनकी जानकारी के आधार पर सीसीटीवी फ़ुटेज खंगाले गए तो युवक बच्ची को लेकर राप्तीसागर एक्सप्रेस ट्रेन पर चढ़ता हुआ मिला. यह तय किया गया कि भोपाल तक इस ट्रेन को नॉन-स्टॉप चलाया जाए ताकि भोपाल में उसे आसानी से गिरफ़्तार किया जा सके."


एसपी ने क्या कहा?
एसपी मंज़र बेग बताते हैं, "जब भोपाल में क़रीब ढाई घंटे बाद ट्रेन रुकी तो वहां की पुलिस पहले से ही अलर्ट पर थी. ट्रेन से बच्ची को बरामद कर लिया गया. अपहर्ता कोई और नहीं बल्कि बच्ची के पिता ही थे. पति-पत्नी में लड़ाई हुई थी जिसके बाद पति बच्ची को लेकर भाग आया था. हालांकि पत्नी ने यह नहीं बताया था कि बच्ची को उसका पिता ही लेकर गया है."


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