रतलाम में अब सरकारी स्कूलों में होगी LED टीवी से पढ़ाई, टीचर्स की कमी के चलते लिया फैसला
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रतलाम में अब सरकारी स्कूलों में होगी LED टीवी से पढ़ाई, टीचर्स की कमी के चलते लिया फैसला

बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शालाओं के पास उपलब्ध प्रतिवर्ष मिलने वाली स्कूल मेंटनेंस की धनराशि से उच्च गुणवत्ता का एलईडी टीवी खरीदा जाए, जिस पर जिले के श्रेष्ठ शिक्षकों के लेक्चर पेन ड्राइव में लेकर विद्यालयों में स्टूडेंट को पढ़ाया जाएगा.

रतलाम में अब सरकारी स्कूलों में होगी LED टीवी से पढ़ाई, टीचर्स की कमी के चलते लिया फैसला

रतलामः ग्रामीण शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी से शिक्षा प्रभावित होती है. ऐसे स्कूलों में शिक्षक की कमी पूरी करने के लिए एलईडी की व्यवस्था की जार ही है. जिन ग्रामीण स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई में बच्चे पिछड़ रहे हैं, वहां स्कूल के मेंटेनेंस और अन्य कामों के लिए हर साल मिलने वाली राशि से एलईडी की व्यवस्था की जाएगी और रतलाम के ही अलग-अलग एक्सपर्ट सब्जेक्ट टीचर्स से उनके सब्जेक्ट के वीडियो लेक्चर तैयार किए जाएंगे. इसके बाद इन्हीं वीडियोज को इन सब्जेक्ट के पीरियड में एलईडी पर प्ले किया जाएगा, जिससे बच्चे पढ़ाई करेंगे.

जिले के कई स्कूलों में एलईडी के माध्यम से शिक्षण की व्यवस्था की जा रही है. यह काम अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लगभग शुरू भी कर दिया जाएगा. एलईडी के माध्यम से शिक्षण व्यवस्था उन विद्यालयों में की जा रही है, जहां पर शिक्षकों की कमी है. इसके लिए कलेक्टर रुचिका चौहान ने इन स्कूलों के शिक्षकों की बैठक लेकर कर निर्देश भी जारी कर दिए हैं कि, जिन स्कूलों में अपूर्ण विद्युतीकरण हुआ है वहां पर शीघ्र विद्युत संबंधी कार्य पूर्ण कर लिए जाएं. 

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बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शालाओं के पास उपलब्ध प्रतिवर्ष मिलने वाली स्कूल मेंटनेंस की धनराशि से उच्च गुणवत्ता का एलईडी टीवी खरीदा जाए, जिस पर जिले के श्रेष्ठ शिक्षकों के लेक्चर पेन ड्राइव में लेकर विद्यालयों में स्टूडेंट को पढ़ाया जाएगा. एलईडी टीवी के माध्यम से पढ़ाई के अलावा बच्चों को हाइजीन न्यूट्रिशन, गुड टच बैड टच जैसी जानकारियां भी दी जाएंगी. इसके लिए सप्ताह का 1 दिन निर्धारित किया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि, विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाई के लिए शिक्षकों की ओर से प्रैक्टिकल रवैया अपनाया जाना चाहिए जिससे वह बेहतर ढंग से सीख सकेंगे. 

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कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अपने विद्यालय में खरीदा जाने वाला एलईडी नियमों का पालन करते हुए शासकीय नियमानुसार खरीदा जाए. बता दें कि जिले में शिक्षको की कमी करीब 25 स्कूलों में है. इन स्कूलों में ज्यादातर 1 शिक्षक है या फिर कहीं शिक्षक भी नहीं है, ऐसे में इन स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होने से बच्चे पिछड़ जाते हैं. इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभवित न हो इसके लिए अब क्लासरूम में एलईडी लागये जा रहे हैं.

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हलांकि जिले में कई स्कूल ऐसे भी हैं जो हाईटेक स्कूल की तरह हैं,  जहां बिजली की व्यवस्था पूरे समय करने के लिए सोलर प्लांट तक लगा दिए गए हैं. स्मार्ट क्लास की व्यवस्था है, जहां एलईडी बोर्ड भी है. इसके अलावा कुछ स्कूलों में शिक्षकों की जागरूकता से व्यवस्थाएं इतनी बेहतर हैं कि वह स्कूल निजी स्कूल को भी मात दे रहे हैं. बच्चे पूरी यूनिफॉर्म में आते हैं, तो वहीं ग्रामीणों ने उस स्कूल की व्यवस्था को देखते हुए अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकालकर शासकीय स्कूल में एडमिशन दिलवाया है.

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