2021 की जनगणना में आदिवासियों की पहचान 'हिंदू' के तौर पर कराए जाने के RSS के कथित एजेंडे का कांग्रेस ने विरोध किया और इसे समाज को बांटने वाला करार दिया. कहा जा रहा है कि RSS की नजर आदिवासियों पर है.
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भोपाल: 2021 की जनगणना में आदिवासियों की पहचान 'हिंदू' के तौर पर कराए जाने के RSS के कथित एजेंडे का कांग्रेस ने विरोध किया और इसे समाज को बांटने वाला करार दिया. कहा जा रहा है कि RSS की नजर आदिवासियों पर है. संघ का मानना है कि अन्य धर्म के लोग आदिवासियों से हिंदू की जगह अन्य धर्म लिखवाना चाहते हैं. इसीलिए RSS ने आदिवासियों को जागरुक बनाने की जिम्मेदारी अपने स्वयं सेवकों के हवाले कर दी.
आदिवासियों पर RSS की नजर
बताया जा रहा है कि भोपाल में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ दिन पहले स्वयं सेवकों के साथ बैठक की थी. बैठक में अगले वर्ष होने वाली जनगणना को भी मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में बताया गया कि आदिवासियों के बीच कुछ ऐसे संगठन काम कर रहे हैं जो जनगणना के समय आदिवासियों से हिंदू की जगह अन्य जाति या धर्म लिखवाना चाहते हैं. बैठक में बताया गया कि 1991की जनगणना में हिंदुओं की संख्या 84 प्रतिशत थी जो 2011में घटकर 69 प्रतिशत ही रह गई. यही वजह है कि अब संघ अपना फोकस जनगणना और आदिवासियों पर रखेगा.जानकारी के मुताबिक, संघ की बैठक में स्वयंसेवकों को आदिवासियों को वास्तविकता से परिचित कराने लक्ष्य दिया गया है. स्वयंसवेक अब आदिवासियों के बीच जाकर उन्हें परिस्थितियों से रूबरू कराएंगे और उन का भ्रम दूर करेंगे.
बीजेपी ने दिया संघ का साथ
आरएसएस के इस एजेंडे पर बीजेपी का मानना है कि आदिवासी क्षेत्रों में कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो उन्हें बहका रही हैं. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि हम आदिवासियों को जागरुक करने का काम करेंगे.
संघ की नीति विभाजनकारी है- कांग्रेस
वहीं कांग्रेस ने आरएसएस के एजेंडे की आलोचना की है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मानक अग्रवाल ने संघ की नीति को विभाजनकारी करार दिया है, उन्होंने कहा कि संघ इस तरह की कवायद शुरू करके देश का माहौल खराब करना चाहता है.