बाबा महाकाल आज से दूल्हा बन गए हैं, मंत्रोच्चार के साथ पुजारियों ने सुबह उन्हें हल्दी उबटन लगाया और शाम 4 बजे उनका भांग से आकर्षक श्रृंगार किया.
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उज्जैन: 12 ज्योतिर्लिंग में से एक मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल आज से दूल्हा बन गए हैं, मंत्रोच्चार के साथ पुजारियों ने सुबह उन्हें हल्दी उबटन लगाया और शाम 4 बजे उनका भांग से आकर्षक श्रृंगार किया. इस दौरान सैंकडों भक्त, हल्दी कुमकुम और उबटन से सजे बाबा महाकाल के दर्शन कर अभिभूत हो गए.
दरअसल, आज से शिव के नवरात्रे प्रारंभ हो गए हैं. शिव नवरात्रि की परंपरा सिर्फ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही है जो नवरात्रि की तरह 9 दिन तक मनाई जाती है. महाकाल बाबा को रोज अलग-अलग वेशभूषा में दूल्हा बनाया जाता है. भगवान महाकाल 9 दिन तक अलग-अलग रूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. साथ ही प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर एवं श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक–पूजन भी किया जाता है.
आज शिवनवरात्रि प्रारंभ के पहले दिन कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन किया गया. श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन दोपहर 3 बजे हुआ. 21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पर्व का अंतिम दिन होगा.
आपको का दें कि देशभर के बारह ज्योतिर्लिंगों में 'महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग' का अपना एक अलग महत्व है. महाकाल मंदिर विश्व का एक मात्र ऐसा शिव मंदिर है जहाँ दक्षिणमुखी शिवलिंग प्रतिष्ठापित है. यह स्वयंभू शिवलिंग है, जो बहुत जाग्रत है. इसी वजह से यहां भस्म आरती करने का विधान है.