VIDEO: शिवपुरी में अगर समय पर पहुंचता प्रशासन तो खतरे में नहीं होती दर्जनों जिंदगियां
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VIDEO: शिवपुरी में अगर समय पर पहुंचता प्रशासन तो खतरे में नहीं होती दर्जनों जिंदगियां

जानकारी के मुताबिक, प्रशासन करीब 3 घंटे देरी से मौके पर पहुंचा जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. अभी भी दर्जनों लोगों के फंसे होने की जानकारी है.

फाइल फोटो.

शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी और ग्वालियर का जिला प्रशासन समय रहते जागा जाता तो कई लोगों को सुरक्षित निकाला जा सकता था. पर्यटकों के झरने के पानी में घिरने की सूचना के लगभग तीन घंटे बाद प्रशासन हरकत में आया और राहत-बचाव कार्य शुरू होते तक अंधेरा गहरा गया और 20 से ज्यादा लोग पानी से घिरे हुए हैं और अपनी मौत को करीब से देख रहे हैं. चट्टान पर फंसे लोगों के परिजनों ने संवाददाताओं को बताया है कि लगभग दोपहर दो बजे उन्हें बच्चों के झरने में फंसे होने की सूचना मिली थी, इस स्थिति से उन्होंने जिला प्रशासन को अवगत करा दिया था, मगर प्रशासन शाम पांच बजे के बाद हरकत में आया.

बाल बहादुर कुशवाहा ने संवाददाताओं को बताया है कि उनकी बस्ती के पांच बच्चे चट्टान पर बैठे हैं, जबकि दो पानी के साथ बह गए हैं, प्रशासन की ओर से पानी से घिरे लोगों को बचाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह नाकाफी है. 

VIDEO: देखते ही देखते पानी के तेज बहाव में बह गई कई जिंदगियां

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया है कि चट्टान पर 34 लोग फंसे हुए हैं, राहत और बचाव कार्य जारी है. बीएसएफ और एनडीआरएफ के दल बुलाए गए हैं, इसके अलावा हेलीकॉप्टर की मदद पर भी पुन: विचार किया जा रहा है. 

लगातार बढ़ रहा है जलस्तर
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया है कि चट्टान पर फंसे एक युवक ने फोन करके बताया है कि वे जहां फंसे हैं, वहां पानी बढ़ रहा है और उनकी जान को खतरा बढ़ रहा है. चट्टान पर फंसे लोगों को मोटी रस्सी की मदद से बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं. बुधवार को स्वाधीनता दिवस की छुट्टी होने के कारण बड़ी संख्या में लोग शिवपुरी जिले के मोहना स्थित सुल्तानगढ़ झरने पर पिकनिक मनाने गए थे. कुछ लोग चट्टान पर चढ़कर तस्वीरें खिंचा रहे थे, तभी बारिश का पानी आने से जलस्तर बढ़ गया. 10 से ज्यादा लोग पानी के बहाव के साथ बह गए हैं. 

स्थानीय लोग प्रशासन से नाराज
मौके पर मौजूद लोग प्रशासन की कार्यशैली से खासे नाराज हैं, क्योंकि मौके पर न तो रोशनी के इंतजाम हैं और न ही राहत व बचाव कार्य ठीक तरह से चल रहा है. इसके अलावा चट्टान में फंसे लोगों से फोन पर हो रही बात के बाद सभी लोग और चिंतित हो रहे हैं. 

(इनपुट-आईएएनएस)

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