भोपाल: क्या मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर पायेगी?. ये सवाल सूबे की सियासत में अचानक से कूद पड़ा है. शनिवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और पीसी शर्मा ने बयान दिया है कि शिवराज सिंह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही गिर जाएगी. इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में हो रहे दल बदल की याचिका को स्वीकार कर लिया है. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि दलबदल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के रुख से लग रहा है कि जल्द ही मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होगा और फिर से कमलनाथ की सरकार बनेगी.


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दलबदल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा जांच
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका पर जांच के बाद सुनवाई करने को लेकर सहमति जताई है. इस याचिका में किसी सरकार को गिराने के मकसद से इस्तीफा देने वाले विधायकों यानी दलबदल करने वालों पर छह सालों तक चुनाव लड़ने और कोई भी सार्वजनिक पद लेने पर पाबंदी लगाने की मांग की गई है. इस याचिका को लेकर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी कर चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है.


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याचिका में की गई है ये मांग
कांग्रेस नेता जया ठाकुर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दलबदल करने वाले विधायकों को मौजूदा कार्यकाल तक किसी भी पारिश्रमिक वाले पद को लेने से वंचित किया जाना चाहिए, ताकि वर्तमान सरकार को गिराने के लिए इस्तीफा देने की इस राजनीति को रोका जा सके. इस याचिका में हाल ही में हुए घटनाक्रमों का जिक्र किया गया है. इस याचिका के बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और पीसी शर्मा ने दावा किया है कि एमपी में जल्द ही शिवराज सरकार गिर जाएगी. जीतू पटवारी ने बताया कि कांग्रेस ने भी एमपी हाईकोर्ट में सिंधिया समर्थकों के दल बदल कर दोबारा चुनाव लड़ने को लेकर याचिका दायर की है.


''भाजपा में अंतर्कलह, कभी भी आ सकता है भूचाल''
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि विंध्य और महाकौशल को शिवराज सरकार में तवज्जो नहीं मिलने से बीजेपी के विधायक नाराज हैं. बीजेपी में अंतर्कलह मची हुई है और कभी भी भूचाल आ सकता है. ऐसा लगता है कि अपना कार्यकाल पूरा करने के पहले ही शिवराज सरकार गिर जाएगी. हालांकि जब विधानसभा की स्थिति पर नजर डालते हैं तो जीतू पटवारी और पीसी शर्मा के ये दावे हकीकत कम हवा-हवाई ज्यादा लगते हैं. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई दलबदल की याचिका के मामले में आगे जो भी कार्रवाई या फिर फैसला होगा उसके आधार पर दल बदलने वाले नेता और विधायकों का सियासी भविष्य तय होगा.  


किसके पास कितनी सीटें
कांग्रेस के दावों से इतर मध्य प्रदेश में फिलहाल शिवराज सरकार को पूर्ण बहुमत हासिल है. राज्य की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 पर जीत हासिल कर विधानसभा में अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी. फिलहाल विधानसभा की 230 सीटों में से 126 बीजेपी के पास हैं, जबकि 96 सीटें कांग्रेस के खाते में हैं. 2 बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय विधायक हैं. इसके अलावा एक दमोह सीट खाली है, जो कांग्रेस विधायक राहुल सिंह लोधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. बात दें विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद दमोह सीट से विधायक राहुल सिंह ने पद से इस्तीफा दिया था और बीजेपी ्में शामिल हो गए थे.


मध्य प्रदेश विधानसभा की दलीय स्थिति
भाजपा - 126
कांग्रेस - 96
बसपा - 02
सपा- 01
निर्दलीय- 04
रिक्त -01
कुल सीटें- 230
बहुमत - 115


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