राहुल का नाम लिए बिना चौहान ने साधा निशाना, दे दिया यह बड़ा बयान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा- ‘कांग्रेस एक परिवार की गुलाम है.’
उज्जैन (मध्यप्रदेश): कांग्रेस को ‘एक ही परिवार की गुलाम पार्टी ’ करार देते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला. चौहान ने कहा कि उन्हें यह भी पता नहीं है कि ‘प्याज एवं मिर्च कैसे उगाई जाती है, उन्हें प्रधानमंत्री कौन बनाएगा?’
चौहान ने उज्जैन से अपनी ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ शुरू करने से पहले एक जनसभा को संबोधित करते हुए गांधी पर हमला बोला और कहा, ‘एक भैया (राहुल गांधी) हैं जो पिछले दिनों मंदसौर भी आए थे. खुद कहते हैं कि मैं प्रधानमंत्री बनने को तैयार हूं.’
'आपको पीएम कौन बना रहा है'
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अरे भैया आपको प्रधानमंत्री बना कौन रहा है. आपको (राहुल) यह भी पता नहीं है कि प्याज जमीन के अंदर उगता है या ऊपर.’ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम लिए बगैर चौहान ने कांग्रेस पर तंज कसा, ‘कांग्रेस एक परिवार की गुलाम है.’ चौहान ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है और देश को पूरी दुनिया में सम्मान मिल रहा है.
इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चाणक्य के नाम से संबोधित किया और समृद्ध मध्यप्रदेश का नारा दिया. चौहान ने कहा, ‘कांग्रेस को हममें (भाजपा) और उनमें (कांग्रेस) फ़र्क नहीं पता. कांग्रेस कहती थी क्षिप्रा में नर्मदा का पानी नहीं आ सकता. हमने नर्मदा को क्षिप्रा में मिलाया. हम अब क्षिप्रा में पार्वती, कालीसिंध एवं खान जैसी छोटी नदियों को मिला कर इन्हें भी लंदन सा बना देंगे.’
'हमने ज़िन्दगी के सभी पहलुओं पर जनता का ध्यान रखा'
उन्होंने कहा, ‘मेरे किसान को पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा. हमने उन्हें 5300 करोड़ रूपये का फसल बीमा दिया. बच्चियों के दुराचारियों को फांसी देने का कानून पास किया, अंतिम संस्कार तक का रुपया देते हैं. प्रसव पर 12,000 रुपये गरीब माँ को देते हैं. हमने ज़िन्दगी के सभी पहलुओं पर जनता का ध्यान रखा.’
दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकारों के 10 सालों के दौरान सड़क, बिजली की खस्ताहाल की ओर इशारा करते हुए उन्होंने जनता से कहा,‘हमने मध्यप्रदेश को विकसित बनाया है. जब कांग्रेस के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब तुम्हें याद है ना, अंधेरा एवं गढ़ों वाली सड़कें.'
(इनपुट - भाषा)