भोपाल/बालाघाट: बालाघाट और मंडला में अमानक चावल के मामले में प्रदेश सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन कर दिया है. एसपी अभिषेक तिवारी ने एसआईटी टीम का गठन किया है. चार सदस्यीय एसआईटी टीम का नेतृत्व सीएसपी कार्णिक श्रीवास्तव करेंगे. 


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घटिया चावल के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा था यह जनहित का मुद्दा है इसलिए जांच सीबीआई से होनी चाहिए. उन्होंने मांग की थी कि पूरे प्रदेश में गरीबों को बंटने वाले चावल व अन्य राशन सामग्री की भी जांच होनी चाहिए.


गरीबों को घटिया चावल वितरण मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की CBI जांच की मांग


कैसे हुआ था मामले का खुलासा
दरअसल, केंद्र सरकार ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सभी राज्यों में पीडीएस के जरिए गरीबों को मुफ्त वितरण करने के लिए राशन मुहैया कराया है. इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के भी सभी जिलों में मुफ्त राशन वितरण किया जा रहा है. मंडला और बालाघाट में राशन पाने वाले हितग्राहियों ने चावल की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की थी. भारत सरकार के फूड एवं सिविल सप्लाई मिनिस्ट्री की टीम ने इन दोनों जिलों में गरीबों को वितरित किए गए चावल की गुणवत्ता की जांच की तो यह पोल्ट्री क्वॉलिटी (मुर्गे-मुर्गियों को चारे के रूप में दिए जाने योग्य) का निकला. चावल की गुणवत्ता परखने के लिए अभी तक 1021 सेम्पल लिए गए थे जिसमें 57 सैंपल अमानक पाए गए थे. 


जिम्मेदार अधिकारियों को हटाया, 8 राइस मिल सील 
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद से ही कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर है और उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रही थी. इस मामले में सरकार ने बालाघाट और मंडला के लापरवाह अधिकारियों को निलंबित कर दिया था. वहीं 8 राइस मिलों को सील कर दिया था. 


MP: घटिया चावल बांटने के मामले में CM कार्यालय ने PMO को भेजी रिपोर्ट


PMO ने मांगी थी रिपोर्ट
मामला सुर्खियों में आने के बाद केंद्र सरकार ने भी शिवराज सरकार से जवाब तलब कर पूरे मामले की जानकारी मांगी थी. जिसके बाद शिवराज सरकार ने EOW को जांच सौंप दी थी.साथ ही गुरुवार को सीएम कार्यालय की तरफ से PMO को रिपोर्ट भेज दी गई थी.


घटिया चावल मामला: PMO ने शिवराज सरकार से जवाब तलब किया, मामले की पूरी जानकारी मांगी


सरकार ने भेजी थी ऐसी रिपोर्ट
पीएमओ को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सैंपलिंग लेने की कार्रवाई अब भी जारी है. अब तक कुल 5 संयुक्त दल गठित कर भंडारित चावल के एक हजार से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं. इनमें 284 सैंपल की जांच की जा चुकी है. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के स्थानीय कार्यलयों के मुताबिक चावल के 72 सैंपल वितरण के लायक हैं, जबकि 57 सैंपल सैंपल मानकों के अनुरूप नहीं हैं. राज्य के सभी जिलों में सैंपलिंग का कार्य इस सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद दोषी गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी. इके अलावा कम गुणवत्ता का चावल प्रदान करने वाले मिलर्स  की भी जांच चल रही है. दोषी मिलर्स के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.


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