गुमशुदा बच्चे को ढूंढने में सोशल मीडिया से मिली मदद, परिजनों हुए खुश
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गुमशुदा बच्चे को ढूंढने में सोशल मीडिया से मिली मदद, परिजनों हुए खुश

सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप के दुरुपयोग के कई उदाहरण हमे देखने को मिलते हैं.

फाइल फोटो

खंडवा: सोशल मीडिया खासकर व्हाट्सएप के दुरुपयोग के कई उदाहरण हमे देखने को मिलते हैं. झूठी और फेक खबरों के कारण देशभर में कई लोगों की जानें भी गई, लेकिन यही सोशल मीडिया कई मामलों में मददगार भी साबित होता है. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के खंडवा में सामने आया है. खंडवा के हरदा में बीते 20 दिनों से गायब आठ साल के एक बच्चा व्हाट्सएप के जरिये अपने मां बाप से मिल सका. इस बच्चे को पाकर मां-बाप की आंखें नम हो गईं. 

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अनजान लोगों ने ट्रेन में बैठा दिया 
दरअसल, हरदा का रहने वाला आठ वर्षीय गौरव तीसरी कक्षा में पढ़ता है. बताया जा रहा है कि गौरव अपने घर के बाहर खेलने निकला था. इसी दौरान कुछ अनजान लोगों के कहने में आकर भटक गया. इन लोगों ने उसे ट्रेन में बैठा दिया. पुलिस के अनुसार, बच्चे को भटकाने वाले लोग कौन थे और उनका मकसद क्या था, यह पता नही चल सका है. पुलिस ने बताया कि बच्चा ट्रेन में बैठकर इटारसी पहुंच गया था. ट्रेन में बच्चे को अकेला देख लोगों ने इसकी सूचना जीआरपी को दी. 

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बाल कल्याण समिति में रखा गया था बच्चा
इसके बाद इटारसी स्टेशन पर पुलिस ने बच्चे को उतार लिया. इटारसी की रेलवे पुलिस ने इस बच्चे को ट्रेन से उतार कर एक संस्था को सौंप दिया था. पुलिस के अनुसार, बच्चा सिर्फ अपना नाम बता पा रहा था. इटारसी की संस्था ने बच्चे को खंडवा की बाल कल्याण समिति को सौंप दिया. समिति के लोगों ने भी बच्चे से पूछताछ की, लेकिन नाम के अलावा कुछ पता नहीं लग सका. आखिर में बच्चे को सरनेम के आधार पर समाज के लोगों से मिलवाया. 

व्हाट्सएप पर लोगों ने शेयर की थी तस्वीरें
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अशोक मिश्र ने बताया कि इन सामाजिक लोगों ने सोशल मीडिया के जरिये बच्चे की फोटो शेयर की. आखिर 20 दिन बाद बच्चा अपने परिवार से मिल गया. बच्चे के परिजनों ने बताया कि बच्चे को ढ़ूंढने के लिए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. साथ ही जान-पहचान और रिश्तेदारों में भी खोजबीन की थी. परिजनों ने बताया कि कोई सुराग नही मिलने से सब हताश हो गए थे. 20 दिन बाद एक व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर बच्चे के गुमशुदा होने की खबर भेजी. फोटो देखी, तो बच्चे की पहचान हो गई और 20 दिनों में बाद बच्चा परिवार से मिल गया. 

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