सरकार ने सोमवती अमावस्या पर नर्मदा नदी के सभी घाटों पर स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
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होशंगाबाद/पीताम्बर जोशीः सोमवार को सोमवती अमावस्या है. इस दिन तीर्थों में स्नान, शांति पाठ कराने की मान्यता रही है. लेकिन कोरोना महामारी का असर सोमवती अमावस्या पर भी पड़ा है. दरअसल सरकार ने सोमवती अमावस्या पर नर्मदा नदी के सभी घाटों पर स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
सभी घाटों पर तैनात रहेंगे सुरक्षाबल
कलेक्टर धनंजय सिंह ने समस्त अनुविभागीय दंडाधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं. तहसीलदार शैलेंद्र बड़ोनिया ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पूरे प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया है. जिसके चलते सोमवती अमावस्या पर जिले के सभी नर्मदा घाटों पर पूर्णता प्रतिबंध लगाया गया है. घाटों पर होमगार्ड के जवानों सहित थानों के बल को तैनात किया गया है.
क्या है सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन तुलसी या पीपल की परिक्रमा करना और नदियों में स्नान व दान पुण्य करना शुभ माना गया है. साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन पीपल पर दूध में पानी और काले तिल मिलाकर चढ़ाने से पितृदोष से भी मुक्ति मिल जाती है.
जागरण की एक खबर के अनुसार, चंण्ड मार्तंड पंचांग के अनुसार अमावस्या की शुरुआत रविवार सुबह 5 बजकर 48 मिनट से हो गई है और सुबह 7 बजकर 45 मिनट तक रही.