MP: 300 साल पुराना दुनिया का एकमात्र यमराज मंदिर, नरक चौदस पर होती है विशेष पूजा-अर्चना
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MP: 300 साल पुराना दुनिया का एकमात्र यमराज मंदिर, नरक चौदस पर होती है विशेष पूजा-अर्चना

आज नरक चौदस है और आज के दिन यमराज की पूजा की जाती है. देशभर में अकेले ग्वालियर में यमराज का मंदिर बना है. जहां भक्त यमराज की पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं.

यमराज का मंदिर(ग्वालियर)

ग्वालियरः जैसे ही कोई यमराज का नाम सुनता है उसकी हवाइयां उड़ जाती है. लेकिन आज नरक चौदस है यानि यमराज की पूजा का दिन. मान्यताओं के अनुसार आज के दिन यमराज की पूजा की जाती है. ताकि उम्र के अंतिम दौर में इंसान को कष्ट न हो. दुनियाभर में यमराज का एकमात्र मंदिर ग्वालियर में बना है. जहां आज भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. 

देशभर में अकेला मंदिर 
यमराज का ये मंदिर देश में अकेला होने के कारण पूरे देश में श्रद्धा और आस्था का केंद्र माना जाता है. आज के दिन यहां देश भर से श्रद्धालु आते हैं. मंदिर के पुजारी बताते है कि लोग इसलिए भी यमराज की पूजा-अर्चना करते है ताकि यमराज उन्हें अंतिम समय में कष्ट न दे. 

सिंधिया राजवंश ने कराया था मंदिर का निर्माण 
ग्वालियर शहर के बीचों-बीच फूलबाग पर बने मार्कडेश्वर मंदिर के अंदर ही यमराज की यह मंदिर बना है.  यमराज के इस मंदिर की स्थापना सिंधिया वंश के राजाओं ने लगभग 300 साल पहले करवाई थी.

यमराज की पूजा से मिलता है लाभ 
आज के दिन यमराज की पूजा का विशेष लाभ मिलता है. शाम के वक्त घर के द्वार पर, मंदिर, देववृक्ष और सरोवर के किनारे दीप जलाए जाते हैं. त्रयोदशी से 3 दिन तक दीप प्रज्ज्वलित करने से यमराज प्रसन्न होते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से अंतकाल में व्यक्ति को यम यातना का भय नहीं होता. दीपदान से यम की पूजा करने पर नरक का भय भी नहीं सताता. यही वजह है कि आज के दिन को नरक चौदस के रूप में मनाया जाता है. 

यमराज की पूजा की पौराणिक कथा
यमराज की नरक चौदस पर पूजा अर्चना करने को लेकर पौराणिक कथा है. बताया जाता है कि यमराज ने भगवान शिव की तपस्या की थी. जिससे प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने यमराज को वरदान दिया था की आज से तुम हमारे गण माने जाओगे और दीपावली से एक दिन पहले नरक चौदस पर तुम्हारी पूजा की जाएगा. जो भी तुम्हारी पूजा अर्चना और अभिषेक करेगा उसे जब सांसारिक कर्म से मुक्ति मिलेनी. तो उस इंसान की आत्मा को कम से कम यातनाएं सहनी होंगी. जिसके बाद से ही नरक चौदस के दिन यमराज की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.

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