नई दिल्ली/बलरामपुरः आजादी के 72 सालों बाद भी देश में ऐसे कई हिस्से हैं जो आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. आज भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां आजादी के बाद भी बदहाली ने लोगों को अपनी चपेट में ले रखा है. देश में कई ऐसी जगहें हैं जहां बच्चों के लिए स्कूल तक पहुंचना किसी जंग से कम नहीं है. छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में भी एक गांव ऐसा है जहां के बच्चे 8 किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद स्कूल पहुंच पाते हैं. यही नहीं बरसात के दिनों में तो यहां समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं. सड़क न होने के कारण यहां के स्कूली बच्चे नदी और जंगल पार कर कोल्टी स्थित स्कूल पहुंचते हैं. गांव के बच्चों के मुताबिक गांव में स्कूल और सड़क के न होने के कारण इन्हें पैदल चलकर ही स्कूल तक पहुंचना पड़ता है. हालांकि, यह बहुत ही मुश्किल होता है, लेकिन पढ़ाई के चलते ऐसा करना पड़ता है.
अधिकारियों को कई बार कर चुके हैं सूचित
वहीं ग्रामीणों के मुताबिक, गांव में सड़क न होने के कारण उन्हें भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए उन्हें काफी दिक्कतें होती हैं. गांव में सड़क न होने की सूचना वह कई बार अधिकारियों को दे चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. इससे गावं के लोगों और खास कर स्कूली बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
Chhattisgarh:Due to lack of proper roads, students of a village from Balrampur travel at least 8 km to reach their school in Kolti,say"when it rains it becomes difficult for us to go to school.We cross a river& jungle to reach school.There's no school in our village." (22.8.2018) pic.twitter.com/ujjiLQ6d8o
— ANI (@ANI) August 22, 2018
नेता चुनाव के बाद गांव में कदम तक नहीं रखते
नेता भी चुनाव से पहले यहां वोट मांगने के लिए आते हैं. बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव निकल जाने के बाद हमारी कोई सुध नहीं लेता. हमें कभी भी किसी भी मंत्री से कोई मदद नहीं मिली. गांव में बदहाली का यह आलम प्रदेश के जिम्मेदार अधिकारियों के काम और इनकी जिम्मेदारियों को पूरी करने की कोशिशों पर सवाल उठाता है. गांव में सड़क, स्कूल जैसी जरूरी सुविधाएं न होना यहां के बच्चों और ग्रामीणों को रोज जोखिम उठाने को मजबूर करती है. हर दिन बच्चों के स्कूल से आने तक बच्चों के परिजन बेसब्री से उनका इंतजार करते रहते हैं.
समस्याओं की अनदेखी नहीं कर रहे
वहीं शंकरगढ़ जनपद के CEO समुद्र साईं का गांव में सड़क न होने को लेकर कहना है कि 'हम जल्द से जल्द गांव की हालत में सुधार की कोशिश कर रहे हैं. हम बारिश खत्म होने के बाद गांव में पुल का निर्माण कर नया रास्ता बनाने की कोशिश करेंगे. बारिश के चलते अभी गांव में भारी वाहन भेजने में मुश्किल हो सकती है. इसलिए हमें इंतजार करना होगा. हम समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं, बल्कि समस्याओं का समाधान खोज रहे हैं.'
We will try to make a bridge in the area and find a new route during the dry season so that borewell drilling truck can be sent there. We are not neglecting the problem, a solution will be found soon: Samudra Sai, CEO (Shankargarh Janpad) #Chhattisgarh pic.twitter.com/Un7S7SDJ8y
— ANI (@ANI) August 23, 2018