देखिए, बंदूकों और बारूदों के अलावा आस्था का ऐसा नज़ारा भी है बस्तर में
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देखिए, बंदूकों और बारूदों के अलावा आस्था का ऐसा नज़ारा भी है बस्तर में

इस इलाके को आप नक्सल आतंक के लिए जानते होंगे लेकिन यहां की एक धार्मिक और आस्था वाली छवि भी है। आइये आज आपको उसी बस्तर से रूबरू कराते हैं। ऐसा बस्तर, जहां नवरात्र में भक्तों और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। यहां एक तरफ प्रसिद्द दशहरा पर्व मनाया जा रहा है, तो दूसरी ओर नवरात्र की भी धूम है।

फाइल फोटो: (प्रतीकात्‍मक तौर पर)

बस्तर : इस इलाके को आप नक्सल आतंक के लिए जानते होंगे लेकिन यहां की एक धार्मिक और आस्था वाली छवि भी है। आइये आज आपको उसी बस्तर से रूबरू कराते हैं। ऐसा बस्तर, जहां नवरात्र में भक्तों और पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। यहां एक तरफ प्रसिद्द दशहरा पर्व मनाया जा रहा है, तो दूसरी ओर नवरात्र की भी धूम है।

दंतेवाड़ा स्थित दंतेश्वरी शक्तिपीठ तक पहुंच कर मां के दर्शन के लिए पदयात्री दिन रात यात्रा कर रहे हैं तो पर्यटक भी इस मौसम में यहां के पर्यटन स्थलों का आनंद उठा रहे हैं। कुल मिलाकर बस्तर में नक्सल आतंक पर आस्था भारी है। तीन दशकों से नक्सल आतंक से ग्रसित बस्तर में अब फ़िज़ा बदलने लगी है। दशहरे पर्व और नवरात्र के इस मौसम में बस्तर में मां दंतेश्वरी के भक्तों और पर्यटकों की भीड़ देख कर लोग हैरान हैं। दंतेवाड़ा स्थित माँ दंतेश्वरी के शक्तिपीठ पहुंचकर मां के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु जगदलपुर से दंतेवाड़ा तक की यात्रा दिन रात कर रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विभिन्न समाजों और प्रशासन ने भी  दर्जनों सेवा केंद्र स्थापित किये हैं। नक्सल आतंक के नाम पर कुख्यात बस्तर की हकीकत असल में कुछ और ही है। ये इलाका क्षेत्रफल में केरल राज्य से भी बड़ा है और मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर घटित नक्सल घटना भी बस्तर को बुरी  तरह से कुख्यात करती रही है। इन दिनों यहां पर्यटकों और भक्तजनो का हुजूम लगा हुआ है। दशहरा, नवरात्र और लोकोस्तव के सांस्कृतिक आयोजनों में लोगों की बेतहाशा भीड़ जुट रही है।

बस्तर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमो में इन दिनों देश के विभिन्न राज्यों से आये कलाकार यहां की हकीकत जान रहे हैं। किसी समय में बस्तर के नाम से दर जाने वाले कलाकार अब यहाँ आकर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दे रहे हैं। बस्तर दशहरा में काफी संख्या में आये भक्तों और विभिन्न दूरदराज के इलाकों के पर्यटकों के आलावा आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल के सैलानी भी दशहरे की रस्मों को देखने पहुंचेंगे । आगामी 6-7 दिन में यहाँ लोगों की खासी भीड़ जुटेगी। इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किये गए हैं।

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