सुकमा हमला: पुलिस को जिंदा या मुर्दा चाहिए गुनहगार, जारी किए नक्सलियों के पोस्टर
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सुकमा हमला: पुलिस को जिंदा या मुर्दा चाहिए गुनहगार, जारी किए नक्सलियों के पोस्टर

सुकम हमले के गुनहगारों को उनके ठिकाने तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने कमर कस ली है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुकमा हमले के गुनहगारों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने अथवा उनके बारे में सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की है. पुलिस ने शुक्रवार को हमले में शामिल वांछित नक्सलियों के पोस्टर जारी किए.

सुकमा पुलिस ने नक्सलियों के जारी किए पोस्टर.                        फोटो-एएनआई

रायपुर : सुकम हमले के गुनहगारों को उनके ठिकाने तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने कमर कस ली है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुकमा हमले के गुनहगारों को जिंदा या मुर्दा पकड़ने अथवा उनके बारे में सूचना देने वाले को इनाम देने की घोषणा की है. पुलिस ने शुक्रवार को हमले में शामिल वांछित नक्सलियों के पोस्टर जारी किए.

गौरतलब है कि गत 24 अप्रैल को सुकमा में सीआरपीएफ पर हुए नक्सली हमले में 25 जवान शहीद और 7 घायल हो गए. घात लगाकर हुए इस हमले में जवानों को संभलने का मौका नहीं मिला. करीब 300 नक्सलियों ने सीआरपीएफ पर उस समय हमला किया जब सीआरपीएफ के 74वीं बटालियन की दो कंपनियां बुरकापाल से चिंतागुफा के मध्य बन रही सड़क की सुरक्षा के लिए जा रही थीं. दल जब बुरकापाल से लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर था तब नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी. इन 300 नक्सलियों में बड़ी संख्या में महिला नक्सली भी शामिल थीं. 

पिछले 2 महीने के भीतर माओवादी बस्तर में सीआरपीएफ के 37 जवानों को मार चुके हैं. विकल्प ने कहा है कि बुरकापाल में मारे गए जवानों का गुप्तांग काटे जाने का आरोप सरकार और पुलिस के दबाव में कॉरपोरेट मीडिया द्वारा लगाया जा रहा है.

और पढ़ें : नक्सलियों ने ऑडियो टेप जारी कर बताई सुकमा में हमले की वजह

इस बीच, छत्तीसगढ़ के सुकमा हमले के बाद नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने एक ऑडियो टेप जारी कर कहा है कि पुलिस और अर्धसैन्य बल छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी युवतियों का यौन शोषण कर रहे हैं. माओवादियों का कहना है कि पिछले साल छत्तीसगढ़ में मारे गए 9 माओवादियों और फिर ओडिशा में कथित रूप से 9 ग्रामीणों समेत कुल 21 लोगों के मारे जाने के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. 

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