शराब कारोबारियों ने कोरोना वायरस की वजह से बिक्री प्रभावित होने की बात कहकर याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि कोरोना काल में शराब की दुकानें कई दिनों तक बंद थी. जिससे बिक्री प्रभावित हुई है.
Trending Photos
भोपाल: मध्य प्रदेश के शराब कारोबारियों को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. सुको के जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस बीआर गवई की डिवीजन बैंच ने शराब कारोबारियों की लाइसेंस फीस कम करने की याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब प्रदेश के शराब कारोबारियों को पूर्व में निर्धारित लाइसेंस फीस ही देना पड़ेगा.
MP को ‘बिकाऊ प्रदेश’ बताने वाले बयान पर भड़के शिवराज, कहा- जनता से माफी मांगें कमलनाथ
इस आधार पर शराब कारोबारियों ने दायर की थी याचिका
शराब कारोबारियों ने कोरोना वायरस की वजह से बिक्री प्रभावित होने की बात कहकर याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि कोरोना काल में शराब की दुकानें कई दिनों तक बंद थी. इसके बाद जब दुकानें खुली तो शराब की बिक्री भी 30 प्रतिशत तक घट गई. इसलिए राज्य सरकार को लाइसेंस फीस कम करना चाहिए.
आपको बता दें कि शराब कारोबारियों ने सबसे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद शराब कारोबारियों ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर राज्य सरकार की तरफ से जब्त की गई सुरक्षा निधि वापस दिलाए जाने की मांग की थी.
दंतेवाड़ा पुलिस का 'ऑपरेशन जिंदगी' हुआ सफल, शंकनी नदी में फंसे 7 मजदूरों को बचाया
राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव उपस्थित हुए थे. उन्होंने राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा. राज्य सरकार और शराब कारोबारियों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज दिया.
Watch Live TV-