दोषी शिक्षक को 2 मार्च को फांसी पर लटकाया जाना था, लेकिन अब सुर्पीम कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है.
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सतनाः मध्य प्रदेश के सतना जिले में 4 साल की मासूम से रेप के आरोपी शिक्षक को फांसी पर लटकाने के हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी शिक्षक की फांसी पर रोक लगा दी है. बता दें आरोपी शिक्षक को सजा सुनाते हुए सतना जिला अदालत ने 19 सितंबर 2018 को फांसी की फांसी की सजा सुनाई थी. इस मामले में निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा एमपी हाईकोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद 4 फरवरी को अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा की अदालत ने दुष्कर्मी का डेथ वारंट जारी कर दिया. अदालत के इस आदेश के अंतर्गत बच्ची से बलात्कार करने और उसके अंगों को बुरी तरह से घायल करने के दोषी शिक्षक को 2 मार्च को फांसी पर लटकाया जाना था, लेकिन अब सुर्पीम कोर्ट ने जिला अदालत के फैसले पर रोक लगा दी है.
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गौरतलब है कि, उचेहरा थाना क्षेत्र के परसमनिया में पिछले साल 1 जुलाई 2018 की रात 4 साल की एक मासूम को अगवा कर दुष्कर्म करने के आरोप में महेन्द्र सिंह गोंड़ को गिरफ्तार किया गया था. पीड़िता की हालत नाजुक होने पर घटना के दूसरे दिन ही तत्कालीन कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर पीड़िता को यहां से एयरलिफ्ट कराते हुए नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया था.
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परसमनिया रेप कांड में पुलिस ने विवेचना में तेजी दिखाई थी. वारदात के 81 दिन के अंदर पुलिस विवेचना हुई और कोर्ट का फैसला भी आ गया था. कोर्ट ने 47 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुना दिया था. नागौद स्थित अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा की अदालत ने आरोप प्रमाणित पाए जाने पर महेन्द्र को 19 सितंबर 2018 फांसी की सजा सुनाई थी. एमपी हाईकोर्ट ने आरोपी की अपील को खारिज करते हुए 25 जनवरी को फांसी की सजा बरकरार रखी. हाई कोर्ट ने आरोपी शिक्षक को 2 मार्च को सुबह 5 बजे फांसी पर तब तक लटकाए रखने के आदेश दिए थे.