विदिशा लोकसभा सीट से सुषमा स्वराज ने 2009 में पहली बार जीत हासिल की थी, जिसके बाद क्षेत्र की जनता ने 2014 में एक बार फिर उन्हें चुना था.
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नई दिल्लीः पूर्व विदेश मंत्री और विदिशा से पूर्व सांसद सुषमा स्वराज का मंगलवार की रात दिल का दौरा पड़ने से 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. देश की राजनीति में अहम स्थान रखने वाली सुषमा स्वराज का सियासी तौर पर मध्य प्रदेश से गहरा रिश्ता रहा है. मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से उन्होंने दो बार जीत हासिल की. उन्होंने विदिशा लोकसभा सीट से 2009 में पहली बार जीत हासिल की थी, जिसके बाद क्षेत्र की जनता ने 2014 में एक बार फिर उन्हें चुना था. वहीं इस बार स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी. ऐसे में उनके निधन की खबर के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है.
बता दें मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अपनी बहन मानते थे. दोनों के बीच भाई-बहन के इस रिश्ते की मिठास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहले उन्होंने भोपाल से चुनाव लड़ने की संभावनाएं टटोली थीं और उन्हें उम्मीद थी कि वह भोपाल से करीब 2 लाख मतों के अंतर से जीत दर्ज कराएंगी, लेकिन बाद में शिवराज सिंह चौहान के कहने पर उन्होंने विदिशा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और भारी मतों के अंतर से जीत भी दर्ज कराई.
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वहीं जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को उनके निधन की खबर मिली तो उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, 'हमारी सुषमा दीदी हम सभी को छोड़कर चली गईं. अस्वस्थ होने के बावजूद भी वे विदिशा सहित प्रदेश की जनता की सेवा करती रहीं. मुझे उनसे हमेशा ही जनसेवा की प्रेरणा मिली. दीदी आप जहां कहीं भी हों, आपका आशीर्वाद सदैव मिलता रहे, यही ईश्वर से प्रार्थना है.
ॐ शांति.'
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एक दूसरे ट्वीट में शिवराज सिंह ने कहा कि 'पूर्व विदेश मंत्री, बहन सुषमा स्वराज के निधन के समाचार से स्तब्ध हू. ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने की प्रार्थना करता हूं. आप अपने जनसहयोग व राष्ट्र उत्थान के कार्यों के माध्यम से देश व दुनिया के लोगों के दिलों में सदैव जिंदा रहेंगी. विनम्र श्रद्धांजलि!' बता दें 2014 के चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद सुषमा स्वराज को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री बनाया गया और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी खासी लोकप्रियता हासिल की.
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अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश-विदेश में रह रहे भारतीयों की भी खूब मदद की और सोशल मीडिया के जरिए उन तक अपनी पहुंच बनाए रखी. मदद के लिए वह ट्वीट का सहारा ही लेती थीं और सोशल मीडिया के जरिए तुरंत विदेशों में रह रहे भारतीयों की समस्या का निपटान कर देती थीं. सुषमा स्वराज के निधन पर राष्ट्रपति कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई नेताओं ने शोक जताया और श्रद्धांजलि दी है.