देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. अक्सर मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आ ही जाती हैं.
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टीकमगढ़: देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. अक्सर मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आ ही जाती हैं. मानवता को शर्मसार करने वाला ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में सामने आया है. यहां एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध न होने पर मलबे में दबकर मरे स्कूली छात्र के शव को हाथ ठेला पर ढोकर अस्पताल ले जाना पड़ा. पुलिस के अनुसार, मंगलवार की सुबह जतारा कस्बे का 11वीं का छात्र अमित जैन साइकिल से ट्यूशन पढ़ने जा रहा था, तभी एक मकान का छज्जा ढह गया, छज्जा के मलबे के नीचे अमित दब गया. अमित को निकालने के लिए परिजनों और लोगों ने अभियान चलाया और जब तक उसे बाहर निकाला, तब तक उसकी जान जा चुकी थी. अमित के परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस के लिए डायल 108 और 100 को फोन किया गया, मगर एंबुलेंस नहीं आई. आखिरकार बच्चे को शव को हाथ ठेला से अस्पताल ले जाना पड़ा. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार जैन ने बच्चे की मलबे में दबकर मौत होने की बात की पुष्टि करते हुए कहा कि बच्चे के शव को अगर गैर गरिमा तरीके से ले जाया गया होगा तो, संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी.
जिले में पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
गौरतलब है कि एंबुलेंस या स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ा ये पहला मामला नहीं है. हाल ही में टीकमगढ़ जिले में सरकारी शव वाहन नहीं मिलने के कारण एक महिला के शव को उसके बेटे ने बाइक पर बांध कर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचाया था. महिला की मौत सांप के काटने से हुई थी. जिसके चलते पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने की बात कही थी. महिला के बेटे ने सरकारी शव वाहन के लिए कई बार फोन किया, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं हो पाई थी. अंत में थक-हारकर बेटे ने अपनी मां के शव को बाइक पर रस्सी से बांधकर पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचाया था.
(इनपुट आईएएनएस से)