सतना में एग्जाम सेंटर पर 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए फर्नीचर नहीं, जमीन पर बैठकर हल किया पेपर
Advertisement

सतना में एग्जाम सेंटर पर 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए फर्नीचर नहीं, जमीन पर बैठकर हल किया पेपर

एक शासकीय हाईस्कूल में बच्चों के लिए फर्नीचर तक नहीं है और 12वीं के परीक्षार्थियों को टाट पट्टी पर बैठकर परीक्षा देने पड़े हैं. मामने की जानकारी होने के बाद अपर कलेक्टर ने कार्रवाई की बात कही है.

सतना में एग्जाम सेंटर पर 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए फर्नीचर नहीं, जमीन पर बैठकर हल किया पेपर

सतनाः मध्य प्रदेश बोर्ड द्वारा आज से 12वीं की बोर्ड परीक्षा की शुरूआत हो गई है. परीक्षार्थी कोरोना नियमों का पालन करते हुए पेपर दिए है. परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों में काफी उत्साह देखने को मिली. इसी बीच सतना जिले से ऐसी तस्वीर सामने आई है जहां के एक शासकीय हाईस्कूल में बच्चों के लिए फर्नीचर तक नहीं है और 12वीं के परीक्षार्थियों को टाट पट्टी पर बैठकर परीक्षा देने पड़े हैं. मामने की जानकारी होने के बाद अपर कलेक्टर ने कार्रवाई की बात कही है.

10वीं में शादी और 12वीं में एग्जाम से पहले हुआ बच्चा, लेकिन महिला ने नहीं रुकने दी पढ़ाई

दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित बोर्ड की परीक्षाएं आज से शुरू हो गई है. इस बीच सतना जिले में 96 परीक्षा केंद्रों पर पहले दिन अंग्रेजी का पेपर प्रारंभ हुआ. परीक्षार्थियों को कोविड गाइडलाइन के तहत परीक्षा केंद्रों में प्रवेश दी गई. लेकिन आज के इस आधुनिक युग में सतना के शासकीय हाई स्कूल धवारी गली नंबर 5 सतना में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर नहीं है.

टाट पर बैठ छात्रों ने दी परीक्षा 
यहां 12वीं के परीक्षा देने वाले छात्रों को टाट पट्टी पर बैठकर पेपर देना पड़ा है. सरकार शिक्षा को लेकर बड़े बड़े दावे करती है लेकिन जमीनी हकीकत देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि आज के इस मॉडर्न युग के बच्चे फर्नीचर के अभाव में टाट पट्टी पर बैठकर 3 घंटे का पेपर कैसे दिए होंगे? परीक्षा केंद्रों के अधिकारी जिला पंचायत सीईओ परीक्षित राव झाड़े ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है. जल्द ही कार्रवाई करेंगे.

2 साल बाद हो रहीं है बोर्ड की परीक्षा
कोरोना काल के चलते दो साल बाद मध्य प्रदेश के परीक्षार्थीयों को बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिला है. आज अंग्रेजी के पेपर से 12वीं की परीक्षा शुरू हुई है. परीक्षा केंद्रों पर कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए परीक्षाओं की थर्मल स्कैनिंग कर मास्क लगाने के साथ एंट्री कराई गई. लेकिन आज के इस आधुनिक युग में सतना के शासकीय हाई स्कूल धवारी से जो तस्वीरे सामने आई है कि फर्नीचर के अभाव में बच्चों को टाट पट्टी में बैठाया गया. परीक्षार्थी जमीन पर 3 घंटे बैठकर पेपर देने को मजबूर रहें. इससे कहीं न कहीं शिक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आपको बता दें कि सतना जिले में कक्षा 12वीं के छात्रों की संख्या 23236 है. जिसके लिए जिले में 96 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 32 परीक्षा केंद्र संवेदनशील और अतिसंवेदनशील है.

WATCH LIVE TV

Trending news