मंजू पांडे अपने घर पर बेटे के साथ थीं, तभी उनकी तबीयत खराब हो गई और उल्टियां होने और हाथ पैर कांपने के बाद वह बेहोश हो गईं.
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नई दिल्लीः कई बार बच्चे ऐसा काम कर जाते हैं कि उनकी सूझ-बूझ पर हैरानी होती है. ऐसा ही एक मामला गुजरात के सूरत शहर में देखने को मिला, जहां एक 7 साल के बच्चे ने अपनी समझदारी से अपनी मां की जान बचा ली. बच्चे की समझदारी की डॉक्टर भी तारीफ कर रहे हैं. दरअसल हार्ट अटैक आने पर महिला बेहोश हो गई थी. ऐसे में महिला के 7 साल के बेटे ने तुरंत मोबाइल से 108 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस बुलाई और उसकी मां की जान बच सकी, अगर देर हो जाती तो महिला की जान भी जा सकती थी!
ऐसे बचाई बच्चे ने जान
खबर के अनुसार, मंजू पांडे यूपी के अयोध्या की रहने वाली हैं. वह फिलहाल अपने पति और 7 साल के बेटे राहुल के साथ गुजरात के सूरत शहर पथरी के इलाज के लिए आई हुई हैं. बुधवार को मंजू पांडे अपने घर पर बेटे के साथ थीं, तभी उनकी तबीयत खराब हो गई और उल्टियां होने और हाथ पैर कांपने के बाद वह बेहोश हो गईं. इस पर 7 साल के राहुल ने गजब की समझदारी दिखाते हुए तुरंत मोबाइल फोन से 108 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस बुला ली.
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जिसके बाद मंजू पांडे को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स द्वारा इलाज दिए जाने के बाद मंजू पांडे की जान बच गई. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर मंजू को लाने में थोड़ी और देर हो जाती तो उनकी जान बचानी मुश्किल हो जाती.
परिजनों की सीख आई काम
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, राहुल की बहन ने उसे एक बार बताया था कि अगर किसी की तबीयत खराब हो तो इमरजेंसी नंबर 108 पर कॉल करके एंबुलेंस बुलाई जाती है. बहन की दी हुई सीख अब काम आई और बच्चे ने बखूबी उस सीख का इस्तेमाल करते हुए अपनी मां की जान बचा ली.
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डॉक्टर्स ने भी की तारीफ
बच्चे की समझदारी की तारीफ डॉक्टर्स ने भी की. डॉक्टर्स ने कहा कि बच्चे आमतौर पर मोबाइल पर गेम खेलते या फिर कार्टून देखते हैं लेकिन बच्चों को मोबाइल का सही इस्तेमाल सिखाना भी बेहद जरूरी है.