महाराष्ट्र में ठेकेदार ने 55 मजदूरों को कई माह तक बनाए रखा बंधक, दिन में 20-20 घंटे करवाया काम, नहीं दिए पैसे
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महाराष्ट्र में ठेकेदार ने 55 मजदूरों को कई माह तक बनाए रखा बंधक, दिन में 20-20 घंटे करवाया काम, नहीं दिए पैसे

महाराष्ट्र और उज्जैन के दो लोग झाबुआ जिले के 55 मजदूरों को अपने साथ लेकर गए थे. जहां उनके साथ मारपीट कर बिना पैसे दिए काम लिया जा रहा था. मजदूरों में बच्चे और गर्भवती महिला के साथ भी ठेकेदार द्वारा मारपीट की बात सामने आई है.

मजदूरों को ठेकेदार के चंगुल से छुड़ाया गया

सचिन जोशी/झाबुआः 21वीं सदी में भी महाराष्ट्र के बीड़ जिले से बंधुआ मजदूरी का मामला सामने आया है. बताया गया है झाबुआ जिले के 55 मजदूरों को बंधक बनाकर मजदूरी करवाई जा रही थी. मजदूरों को कहना है कि ठेकेदार उनसे दिन में 20 घंटे काम लेता था. काम नहीं करने पर मारपीट करता और काम के पैसे भी नहीं देता था. कुछ मजदूरों के भागने पर बाकी 19 मजदूरों को छुड़वाया गया है.

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2 महीने पहले 55 मजदूरों को ले गया था महाराष्ट्र
जानकारी मिली है कि करीब 2 से ढाई महीने पहले महाराष्ट्र का रहने वाला इब्राहिम और उज्जैन निवासी रामसिंह राजपूत झाबुआ आए थे. यहां से वे 55 मजदूरों को काम कराने के लिए महाराष्ट्र स्थित चांट गांव के गन्ने के खेत में ले गए थे. काम के लिए ले जाने से पहले दोनों ने 700 रुपये प्रति जोड़ा मजदूरी देने की बात कही थी.

सुबह 4 से रात 12 बजे तक करावाया काम
कुछ समय तक पैसे देने के बाद इब्राहिम और उसके परिजनों ने मजदूरों से मारपीट शुरू कर दी. मजदूरों का कहना है कि वे सुबह 4 से रात के 12 बजे तक काम किया करते थें. भागने की कोशिश किए जाने और परिजनों से बात करने पर भी उन्हें मारा जाता था.

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कुछ मजदूर चंगुल से भाग निकले
महाराष्ट्र में काम करवाने के बाद कुछ मजदूरों को कर्नाटक काम करने के लिए भेज दिया गया. तो वहीं कुछ मजदूर ठेकेदार के चंगुल से भाग कर झाबुआ आ गए. शेष बचे हुए 19 मजदूरों से ठेकेदार ने मारपीट का बर्ताव जारी रखा. बताया गया है कि 19 लोगों में बच्चे और एक गर्भवती महिला के साथ भी मारपीट की गई थी.

25 दिसंबर को छुड़वाया गया
मामले की जानकारी जिले की एक सामाजिक संस्था को लगते ही बीते क्रिसमस 25 दिसंबर को सभी 19 मजदूरों को छुड़वाया गया. ठेकेदार के चंगुल से छुटे 19 मजदूरों ने रविवार को झाबुआ कलेक्टर से अपने पुनर्वास को लेकर गुहार लगाई.

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