लॉकडाउन में बंद हुआ धंधा तो बन गए ठग, हाई कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लोगों से ऐंठे 75 लाख
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लॉकडाउन में बंद हुआ धंधा तो बन गए ठग, हाई कोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लोगों से ऐंठे 75 लाख

ठगों ने प्रदेशभर से करीब 20 लोगों को अपना शिकार बनाते हुए 70 से 75 लाख रुपये की ऐंठ लिए थे. दोनों आरोपी हाई कोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर काफी लंबे समय से ठगी कर रहे थे. 

पुलिस गिरफ्त में दोनों ठग और बरामद पैसा

शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर: कोरोना काल और लॉकडाउन ने बड़े-बड़े लोगों की हालत पस्त कर दी है. बेरोजगारी और धंधा बंद होने से परेशान युवा गलत रास्ते पर चल पड़े हैं. धोखाधड़ी और शॉर्टकट के जरिए पैसे कमाने का रास्ता चुन लिया है. इसी रास्ते पर चलते हुए बेरोजगारों को ठगने का भी सिलसिला शुरू कर दिया. जिले के सकरी थाना क्षेत्र में दर्ज हुए ठगी के मामले में पुलिस (Bilaspur Police) ने ऐसे ही दो शातिर ठगों (Thug Arrested) को गिरफ्तार किया है. इनके पास से ठगी की रकम भी बरामद हुई है. 

ठगों ने प्रदेशभर से करीब 20 लोगों को अपना शिकार बनाते हुए 70 से 75 लाख रुपये की ऐंठ लिए थे. दोनों आरोपी हाई कोर्ट में नौकरी लगवाने के नाम पर काफी लंबे समय से ठगी कर रहे थे. एडिशनल एसपी उमेश कश्यप के मुताबिक प्रार्थी राजा खांडे और अन्य 12 लोगों के द्वारा सकरी थाने में ठगी करने वाले यशवंत सोनवानी जांजगीर चापा और आशुतोष मिरी चुचुहिया पारा के खिलाफ शिकायत की गई थी. 

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20 लोगों से ठगे 75 लाख
दरअसल, कुछ समय पहले हाई कोर्ट में ग्रेड-2 और 3 के लिए भर्ती निकली थी. बाद कैंसिल हो गयी थी. उसे आधार बनाकर ठगों के द्वारा शातिर तरीके से हाईकोर्ट के फर्जी भर्ती वाले दस्तावेज बनाये गए. साथ ही आरोपी जो कि अपने आपको सब इंस्पेक्टर बताता था, ने 20 लोगों से 70 से 75 लाख रुपये ठग लिए. मामले की शिकायत मिलने पर एसपी दीपक झा के निर्देश पर साइबर सेल, सकरी थाने की टीम और एडिशनल एसपी उमेश कश्यप, सीएसपी स्नेहिल साहू ने दोनों ठगों की गिरफ्तारी आदेश दे दिया. 

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नकली नियुक्ति पत्र सहित 15 लाख बरामद
हालांकि आरोपियों को इस बात की भनक लग गयी थी कि पुलिस उनके पीछे लगी है. पुलिस से छिपते हुए दोनों आरोपी राजनांदगांव पहुंच गए थे. लेकिन पुलिस की घेराबंदी के आगे उनकी न चली. एडिशनल एसपी बिलासपुर शहर उमेश कश्यप ने बताया कि इनके पास से नकली आई कार्ड, नकली नियुक्ति पत्र, प्रिंटर, मोबाइल सहित साढ़े 15 लाख रुपये बरामद किए हैं. बाकी की रकम दोनों आरोपियों के खाते में जमा है. आरोपियों के अपने कॉन्टैक्ट लिस्ट में कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर मजिस्ट्रेट के नाम से दर्ज कर रखा है जिसे दिखाकर वे लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद आगे की कार्रवाई चल रही है.

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