जो पढ़ नहीं सकते या फिर देख नहीं सकते या फिर हिंदी जानते नहीं लेकिन समझते है. वह सभी समाज सुधारक इनकी कहानियों से प्रेरणा ले सकते है.
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छतरपुर: भागमभाग जिंदगी में हम उन रचनाकार ,कहानीकारों को भूल गये जिनकी कहानियां किताबों में पढ़कर हम प्रेरणा लेते थे लेकिन कम्प्यूटर युग में मोबाइल के चलन के चलते सब कुछ हम भुला चुके है. लेकिन एक युवक समीर गोस्वामी की एक सोच ने इन सभी कहानीकार, रचानाकार, साहित्यकार की उन पुरानी कहानियों और रचनाओं को फिर जीवित कर दिया.
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जी हां समीर गोस्वामी ने इन सभी की 600 से ज्यादा कहानियां उपन्यास, रचनाओं को अपनी आवाज में ऑनलाइन कर दिया है. जो भी इन लेखकों जैसे मुंशी प्रेमचंद ,रविन्द्रनाथ टेगौर ,सुभद्रा देवी चौहान के लिखे उनके चर्चित कहानियों को ऑनलाइन सुन सकते है. चाहे जहां वह रहकर किसी भी खाली समय पर उन्हे सुन सकता है.
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उन्हें फायदा मिलेगा जो पढ़ नहीं सकते
समीर बताते हैं कि उन्होंने यह काम 2016 मे शुरु किया था. उनकी यह सोच उन लोगों के काम आ रही है जो पढ़ नहीं सकते या फिर देख नहीं सकते या फिर हिंदी जानते नहीं लेकिन समझते है. युवा पीढ़ी और ऐसे लोगों को इसका फायदा मिलेगा, जो देख या पढ़ नहीं सकते.
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