मोदी मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद शिवराज भी बढ़ा सकते हैं अपना कुनबा, खाली पद चार, जानिए समीकरण
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मोदी मंत्रिमंडल विस्तार होने के बाद शिवराज भी बढ़ा सकते हैं अपना कुनबा, खाली पद चार, जानिए समीकरण

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में इस वक्त चार मंत्री पद खाली है. 

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश (फाइल फोटो)

भोपालः केंद्र की मोदी सरकार (modi govt) का मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही होने वाला है. ऐसे में शिवराज सरकार (shivraj govt) के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा भी तेज हो गई हैं. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद प्रदेश में भी जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है. 

मंत्री पद चार, दावेदारों की लंबी लाइन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की चौथी पारी में सीएम के सामने कैबिनेट विस्तार को लेकर लंबे समय से नामों को लेकर उलझन जारी है. मध्य प्रदेश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट में कुल 31 सदस्य हैं. जबकि अधिकतम सदस्यों की संख्या 35 हो सकती है. फिलहाल कुल चार पद खाली हैं, जिसके लिए टकटकी लगाने वालों में शिवराज के पूर्व मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ नेता भी हैं. 

15 विधानसभा का ढाई साल का कार्यकाल बीत चुका है. अगली चुनावी तैयारियों के लिहाज से दो साल का समय बचा है. ऐसे में दावेदार कैबिनेट में दाखिल होने में देरी नहीं चाहते. पिछले साल मार्च में भाजपा सरकार बनने के बाद दो बार कैबिनेट विस्तार किया गया है. जिसमें पहले कैबिनेट विस्तार में सभी 26 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली. जबकि 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में केवल दो मंत्रियों को शपध दिलाई गई थी. जबकि मंत्री रहते हुए इमरती देवी, गिर्राज डंडौतिया और एंदल सिंह कंसाना चुनाव हार गए थे. जिसके बाद तीनों ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में रिक्त चल रहे एक पद के साथ तीन हारे हुए मंत्रियों के पद भी खाली है. 

ये हैं मंत्री पद के दावेदार 
मध्य प्रदेश में चार मंत्री पद खाली है. लेकिन दावेदारों की लाइन लंबी है. मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले दावेदारों में गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, पारस जैन,  सुरेंद्र पटवा, करण सिंह वर्मा, महेंद्र हार्डिया, सीतासरन शर्मा और सबसे लंबे समय तक प्रोटेम स्पीकर रहे रामेश्वर शर्मा का नाम चर्चाओं में हैं. असंतोष की आशंका से बचने के चलते सत्ता-संगठन चार नामों पर अंतिम फैसले को लेकर विस्तार से फिलहार कतराता नजर आ रहा है!. 

कांग्रेस ने साधा निशाना
वहीं शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों पर जब कांग्रेस से सवाल किया गया तो कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने कहा कि भाजपा में खींचतान चल रही है! कई मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग है! संवैधानिक तरीके से मंत्री बनाये जाने चाहिए, लेकिन भाजपा संवैधानिक तरीके से नहीं चलती है! भाजपा के सीनियर नेता लाइन में है, लेकिन मंत्री बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. 

बीजेपी का पलटवार 
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया. भाजपा प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कहा की मंत्री बनाना सीएम का कार्य है इसलिए इसका फैसला वो ही करेंगे! विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपना काम करे किसे मंत्री बनाना है किसे नहीं है इसकी चिंता कांग्रेस नहीं करनी चाहिए. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जल्द ही सीएम इस पर फैसला लेंगे!. 

खास बात यह है कि इन दावेदारों में से अधिकतर नेता पहले मंत्री रह चुके हैं. जबकि बीजेपी में ऐसे विधायकों की भी लंबी फेहरिस्त है जो तीसरी या चौधी बार विधायक बने हैं. जिसके चलते यह विधायक भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए दावेदारी करते हैं. हालांकि अबी शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फिलहाल कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है. लेकिन मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश में सरकार में भी मंत्रिमंडल की सुगबुगाहट होनी शुरू हो गई है. 

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