वेंटीलेटर पर थे मरीज, नहीं पसीजा प्रशासन का दिल, महामारी के बीच अस्पताल बंद कराने पहुंचे अधिकारी, वजह हैरान कर देगी
जिला प्रशासन ने 10 साल से चल रहे एक हॉस्पिटल को बंद करने का नोटिस थमा दिया. वो भी उस वक्त जब हॉस्पिटल में गंभीर बीमारी से जूझ रहे कई मरीज शामिल थे.
बैतूलः कोरोना महामारी में एक ओर जहां इंजेक्शन, ऑक्सीजन और बेड से लेकर तमाम संसाधनों की कमी हो रही है. वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में हुई प्रशासन की कार्रवाई सवालों के घेरे में है. यहां जिला प्रशासन ने 10 साल से चल रहे एक हॉस्पिटल को बंद करने का नोटिस थमा दिया. वो भी उस वक्त जब हॉस्पिटल में गंभीर बीमारी से जूझ रहे कई मरीज शामिल थे.
हंगामे के बाद हटाया नोटिस
मामला बैतूल के कोठी बाजार इलाके में पिछले 10 साल से संचालित चैतन्य हॉस्पिटल का है. जहां प्रशासन की टीम पहुंच गई और अस्पताल पर तालाबंदी के निर्देश दे दिये. नोटिस के बाद अस्पताल परिसर में ही लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया, मरीजों के परिजन गिड़गिड़ाने लगे. हॉस्पिटल में कई गंभीर मरीज वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड पर थे. हंगामे के बाद प्रशासन ने कुछ देर के लिए कार्रवाई स्थगित कर दी.
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इस वजह से दिए ताला लगाने के निर्देश
प्रशासन ने तालाबंदी की कार्रवाई स्थगित करने के बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए. रविवार देर रात हॉस्पिटल में SDM सीएल चनाप और CMHO एके तिवारी पुलिस दलबल के साथ कार्रवाई करने पहुंचे थे. लेकिन हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजन उनके सामने हाथ जोड़ने लगे. जिस पर CMHO तिवारी ने कहा कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं है, यह बिना पंजीयन के ही संचालित हो रहा है.
SDM बोले दिन में ही मरीज शिफ्ट करना चाहिए थे
पूरे मामले के बाद SDM चनाप ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन को दिन में ही मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे. लेकिन प्रबंधन आनाकानी करने लगा, इस कारण तालाबंदी का नोटिस थमाया.
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हॉस्पिटल प्रबंधन ने दी ये सफाई
चैतन्य हॉस्पिटल की संचालक पुष्पा पंद्राम ने कहा कि उन्होंने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है, लेकिन अस्पताल में निर्माण कार्य चालू है. इसी बीच कोरोना के मरीज बढ़ने लगे, प्रशासन ने कोविड मरीजों के इलाज के मौखिक आदेश दिए. जिसके बाद यहां कोरोना मरीजों का भी इलाज होने लगा, कई गंभीर मरीज वेंटीलेटर और ऑक्सीजन बेड पर हैं. ऐसे में उन्हें शिफ्ट करना संभव नहीं हो पाएगा. स्वास्थ्य सिस्टम संसाधनों की कमी से जूझ रहा है, इन सब के बीच हॉस्पिटल बंद कराने का नोटिस थमाना प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहा है.
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