3 दिन में 6 की कोरोना से मौतः नहीं मानी हार, हिम्मत और जज्बे से इस तरह ग्रामीणों ने संक्रमण पर काबू पाया
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3 दिन में 6 की कोरोना से मौतः नहीं मानी हार, हिम्मत और जज्बे से इस तरह ग्रामीणों ने संक्रमण पर काबू पाया

जबलपुर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर बसे सूखा गांव में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर लोगों को प्रभावित किया. लेकिन ग्रामीणों की सख्ती से कोरोना पर काबू पा लिया गया. 

 

जबलपुर जिले का सूखा गांव

कर्ण मिश्रा/जबलपुरः कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल और मई के महीनों में देश भर में सबसे ज्यादा रफ्तार पकड़ी, मध्य प्रदेश भी कोरोना की दूसरी लहर से अछूता नहीं रहा, आलम यह रहा है कि जो कोरोना पहली लहर में शहरों तक सीमित था, उसने दूसरी लहर में गांवों में भी दस्तक दे दी. लेकिन कुछ गांवों ने सख्ती दिखाकर कोरोना की इस दूसरी लहर पर काबू पाया. जबलपुर जिले के एक गांव ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया, जिसके चलते इस गांव की चर्चा सभी जगह हो रही है. 

जबलपुर शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर बसे सूखा गांव में कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर लोगों को प्रभावित किया. 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में एक साथ 13 लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए. 2 से 3 दिन के अंदर 6 लोगों की मौत भी हो गई. हालात बिगड़ते देख गांव के पंचों ने कमान संभाल ली. जरूरत थी सख्ती की.

ग्रामीणों को किया गया जागरूक
पंचायत से जुड़े लोगों ने गांववालों को जागरूक करने के अलावा एक और बड़ा काम भी किया, जिस इलाके में कोरोना के मामले आए, उस जगह को लॉक कर दिया ताकि संक्रमण न फैले. सार्वजनिक स्थानों पर ताले डाल दिए गए. बिना वजह घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई. 

जहां भीड़ इकट्ठा होने का डर थाक उन जगहों को बंद किया गया. गांव में बाहरी लोगों का आना बंद कर दिया गया. गलियों में पहरा लगा दिया गया ताकि कोई घर से बेवजह बाहर ना निकले. इस सख्ती का असर यह हुआ कि जल्दी ही सूखा गांव कोरोना मुक्त हो गया.

प्रशासन ने भी की ग्रामीणों की मदद
वहीं कोरोना से इस लड़ाई में स्थानीय प्रशासन ने भी ग्रामीणों की भरपूर मदद की. कोरोना पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. संदिग्ध मरीजों को भी घर-घर जाकर कोरोना किट उपलब्ध कराई गई. जरूरतमंद परिवारों तक राशन भी पहुंचाया गया. ताकि न कोई भूखा रहे और न ही कोई दवाइयों की कमी से परेशान हो. सूखा गांव ने संक्रमण के खिलाफ इस जंग को महज 20 दिनों में जीतकर एक मिसाल पेश की. मध्य प्रदेश का ये कम्यूनिटी मॉडल देश के दूसरे गांवों के लिए भी एक नजीर साबित हो सकता है.

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