नर्मदा गौ-कुंभ के समापन पर बोले CM कमलनाथ, ''नई पीढ़ी को सामाजिक-आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ें संत''
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नर्मदा गौ-कुंभ के समापन पर बोले CM कमलनाथ, ''नई पीढ़ी को सामाजिक-आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ें संत''

सीएम ने साधु संतों से आग्रह किया को वो अपने प्रवचनों के जरिए नई पीढ़ी को सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ें.

फोटो साभार- @CMMadhyaPradesh

कर्ण मिश्रा/जबलपुर: संस्कारधानी में आयोजित नर्मदा गौ कुंभ का मंगलवार को आस्था और भव्यता के साथ समापन हुआ. समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सीएम कमलनाथ शामिल हुए. ग्वारीघाट के गीताधाम के सामने बनाए गए कुंभ स्थल पर सीएम कमलनाथ का स्वागत संतों और शहर के गणमान्य नागरिकों ने किया. वहीं सीएम ने भी शॉल श्रीफल देकर संतों का आभार जताया.

मंच पर धर्म सत्ता और राजसत्ता नजर आई
मंच पर गौ कुंभ के संयोजक स्वामी डॉ. श्यामदेवाचार्य सहित तमाम साधु संत मौजूद रहे. वहीं वित्तमंत्री तरूण भनोत, प्रभारी मंत्री प्रियव्रत सिंह, सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, विधायक संजय यादव और विनय सक्सेना भी मंचासीन रहे.

ग्वारीघाट को धर्मक्षेत्र घोषित करने की मांग की
साधु संतों से हुई चर्चा के आधार पर मंत्री तरूण भनोत ने जबलपुर के ग्वारीघाट को धर्मक्षेत्र घोषित करने की मांग की. भनोत ने कहा कि जबलपुर शहर को धर्म के प्रमुख शहर के रूप में पहचान मिले. जिससे देशभर में इसकी विशेष पहचान स्थापित हो सके. चित्रकोट क्षेत्र में बेहर जर्ज हो चुके कई प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया जाए. वहीं रामवनगमन पथ यात्रा के लिए आने वाले समय में आयोजित होने वाली बड़ी बैठक का आयोजन संस्कारधानी में किया जाए जिससे साधु संत उसमें शामिल हो सकें.

''नई पीढ़ी को सामाजिक-आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ें संत''
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छठवें नर्मदा गौ कुंभ की तारीफ करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इसमें शामिल होने का मौका मिला. उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार आध्यात्म के प्रति बेहद संवेदनशील है इसके चलते सरकार बनते ही सबसे पहले आध्यात्म विभाग बनया गया.'' कमलनाथ ने संतों से आशीर्वाद मांगते हुए कहा कि उनकी सरकार संतों के लिए अथक प्रयास कर रही है. जिसके लिए सबसे पहली कड़ी में प्रदेश भर में गौ शालाओं का निर्माण बड़े स्तर पर किया जा रहा है क्योंकि संत और गौ माता का संबंध बेहद आत्मीय है. मध्यप्रदेश वर्तमान में आध्यात्मिक शक्ति के लिए जाना जाने लगा है क्योंकि यहां जितनी गौशालाओं का निर्माण किया गया है वह भारत देश के अंदर सर्वाधिक है. सीएम ने अनेकता में एकता के संदेश को दोहराते हुए कहा कि भारत देश जैसी एकता कहीं नजर नहीं आती क्योंकि यहां एक झंडे के नीचे विभिन्न संस्कृति समाज और धर्म खड़े नजर आते हैं. 

सीएम ने मंच से कहा कि आने वाली पीढ़ी धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ी रहे यह बेहद जरूरी है क्योंकि यदि ऐसा नहीं हुआ तो सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों से दूरी नई पीढ़ी को भटका देगी. ऐसे में समस्त संत समाज और परिवार के बुजुर्गों की यह जिम्मेदारी है कि वह सत्संग और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में युवाओं को लेकर जाएं.

सीएम ने वित्तमंत्री तरूण भनोट से कहा कि 7वां नर्मदा कुंभ वर्तमान में आयोजित कुंभ से भी बेहतर और बड़ा होना चाहिए. आने वाले सालों में ऐसे धार्मिक आयोजनों से संस्कारधानी का ही नहीं बल्कि संपूर्ण मध्यप्रदेश का विकास इतिहास बनाएगा.

प्रदेश स्तरीय ई ऑफिस पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ 
सीएम कमलनाथ ने प्रदेश स्तरीय ई ऑफिस पायलट प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ किया. जिसका मुख्य उद्देश्य शासकीय कामकाज में पारदर्शिता, गतिशीलता और पेपरलेस वर्क को बढ़ावा देना है. प्रारंभिक तौर पर यह पायलट प्रोजेक्ट जबलपुर के कमिश्नर और कलेक्टर कार्यालय सहित 6 विभागों में शुरू किया गया है. इसके साथ ही कला प्रेमियों एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भंवरताल गार्डन स्थित सांस्कृतिक थियेटर का भी लोकार्पण सीएम कमलनाथ ने किया.  बता दें कि 12 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से तैयार किए गए सांस्कृतिक थिएटर से कला एवं संस्कृति का बढ़ावा देने के साथ स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को मौका भी मिलेगा. इस थियेटर का निर्माण जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कराया गया है.

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