जबलपुर में एक कोरोना संक्रमित महिला ने एक स्वस्थ बच्चे के जन्म दिया है.
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कर्ण मिश्रा/जबलपुर: एक तरफ पूरा देश कोरोना से जूझ रहा हैं, वहीं दूसरी तरफ जबलपुर से मन को सुकून देने वाली एक खबर आई हैं. जबलपुर में एक कोरोना संक्रमित महिला ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया है. खास बात यह है कि बच्चा पूरी तरह से सुरक्षित है. फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि से बच्चे को मां से अलग रखा गया है. लेकिन बढ़ते कोरोना के बीच इस तस्वीर ने एक सकारात्मक माहौल जरूर बना दिया है.
रविवार को कोरोना पॉजिटिव मिली थी प्रेग्नेंट महिला
दरअसल, जबलपुर की रहने वाली मंगला पटेल की रविवार को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी. डिलीवरी का समय पूरा होने की वजह से मंगला को प्रसव पीड़ा भी शुरू हो गई थी. जिसके बाद परिजन मंगला को अस्पताल लेकर भागे. लेकिन हर जगह वार्ड फुल होने की वजह से दर-दर भटकने के बाद जबलपुर के ही एक समाजसेवी आशीष व्यास की मदद से मंगला को मेडिकल कॉलेज में बेड मिल गया. मामला गंभीर होने की वजह से जरूरी जांच के बाद महिला डॉक्टरों ने PPE किट पहनकर डिलीवरी कराई.
नॉर्मल हुई डिलीवरी
महिला की डिलीवरी नॉर्मल हुई. उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. डिलीवरी के बाद जब बच्चे की जांच कराई गई तो, बच्चे में कोरोना के संक्रमण नहीं मिले. जिससे चिकित्सक भी हैरान हो गए. क्योंकि चिकित्सा विज्ञान के लिए यह विषय चर्चा का बन गया है कि आखिर मां के गर्भ में कोरोना संक्रमण कैसे नहीं पहुंचा. लेकिन बेटे के स्वस्थ्य होने पर डॉक्टरों ने भी खुशी जताई है. उनका कहना है कि इस मामलें के बाद यह भी कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंट महिला अगर कोविड पॉजिटिव है तो जरूरी नहीं है कि उसके बच्चे को भी कोरोना होगा.
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महिला ने की डॉक्टरों की तारीफ
डिलीवरी होने के बाद जब महिला को यह पता चला कि उसका बच्चा सुरक्षित है. तो इस पर उसने डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया. महिला ने कहा कोरोनाकाल में जिंदगी दाव पर लगा कर सेवा कर रहे चिकित्सको और पैरामेडिकल स्टाफ की तारीफ की. उन्होंने सभी का धन्यवाद भी दिया है. मंगला ने कहा कि डॉक्टरों ने उनके संक्रमित होने के बाद भी पूरी तरह से अपना फर्ज निभाते हुए उनकी डिलीवरी कराई और उनके बच्चे के लिए एक नई जिंदगी दी.
फिलहाल बच्चे को मां से रखा गया अलग
फिलहाल मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है. बच्चे में कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं मिले हैं. मां की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद आइसोलेट से बाहर आ सकती है. फिलहाल वह अपने घर पर ही होंम आइसोलेशन में रहकर इलाज करवा रही हैं. जबकि बच्चें को मां से अलग रखा गया है और उसकी लगातार देखभाल की जा रही है.
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