नई दिल्लीः कोरोना माहमारी के चलते पूरी दुनिया की नजर Corona vaccine पर लगी हैं. इस बीच एक अच्छी खबर आयी है. एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दावा किया है कि इस महीने के अंत में या फिर अगले माह यानी कि जनवरी से कोरोना का टीका देश में उपलब्ध हो जाएगा. मंजूरी के एक हफ्ते बाद टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. 


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पूरे देश को नहीं है टीके की जरूरत
एम्स निदेशक डॉ. गुलेरिया ने बताया कि पूरे देश के लोगों को कोरोना का टीका लगाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि 50-60 फीसदी जनसंख्या को टीका लगाने से ही कोरोना वायरस की चेन टूट जाएगी और बाकी लोगों में हर्ड इम्यूनिटी बन जाएगी.


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क्या होती है हर्ड इम्यूनिटी
दरअसल कुछ लोगों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) मजबूत होती है और उनका शरीर संक्रमण से लड़कर उसके खिलाफ एंटीबॉडीज बना लेता है. इससे उक्त व्यक्ति को टीकाकरण की जरूरत नहीं होगी. इस अवस्था को ही हर्ड इम्यूनिटी कहा जाता है. यही वजह है कि डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि कुल जनसंख्या की 50-60 फीसदी जनसंख्या को ही टीकाकरण की जरूरत होगी. 


ये वैक्सीन होंगी उपलब्ध!
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक कंपनी के टीके का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है, जिसे इस महीने के अंत तक मंजूरी मिल सकती है. इसके अलावा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका भी जल्द उपलब्ध हो सकता है. साथ ही अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स का टीका और रूस का टीका स्पुतनिक वी को भी जल्द ही इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है. 


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इन लोगों को पहले मिलेगा टीका
सरकार सबसे पहले फ्रंटलाइन वॉरियर्स को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया जा सकता है. इनमें स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी, बुजुर्ग और गंभीर रूप से बीमार मरीज शामिल हैं.


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