सिर्फ 7 दिन में 37 डॉक्टरों ने अपनी आधी से ज्यादा आबादी को लगा दी कोरोना वैक्सीन, दुनिया भी हैरान
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सिर्फ 7 दिन में 37 डॉक्टरों ने अपनी आधी से ज्यादा आबादी को लगा दी कोरोना वैक्सीन, दुनिया भी हैरान

पहली वैक्सीन निंडा नामक महिला को लगाई गई. उसके बाद सिर्फ 7 दिनों में इस देश की सरकार ने अपनी 60 फीसदी से ज्यादा आबादी यानी कि करीब साढ़े चार लाख लोगों को वैक्सीन लगाकर दुनिया को हैरान कर दिया.

फाइल फोटो.

नई दिल्लीः कोरोना महामारी के बीच सभी देश तेजी से वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रहे हैं. हालांकि इतनी बड़ी आबादी को तेजी से वैक्सीन लगाने में बड़ी चुनौती है. लेकिन भारत के एक पड़ोसी देश भूटान ने इस मामले में दुनिया के बड़े-बड़े विकसित देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. बता दें कि भूटान ने सिर्फ 7 दिनों में अपनी कुल आबादी के 62 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगा दी है.  

शुभ मुहूर्त के लिए रोक लिया था वैक्सीनेशन
बता दें कि भारत ने इस वर्ष जनवरी में भूटान को उपहार के तौर पर वैक्सीन दी थीं. भूटान की कुल आबादी करीब साढ़े सात लाख है. हालांकि भूटान की सरकार ने वैक्सीन मिलते ही वहां वैक्सीनेशन प्रोग्राम नहीं चलाया और शुभ मुहूर्त का इंतजार किया. बौद्ध भिक्षुओं की सलाह पर भूटान सरकार ने शुभ मुहूर्त का दो माह तक इंतजार किया. 

27 मार्च को भूटान में पहली वैक्सीन निंडा नामक महिला को लगाई गई. उसके बाद सिर्फ 7 दिनों में भूटान सरकार ने अपनी 60 फीसदी से ज्यादा आबादी यानी कि करीब साढ़े चार लाख लोगों को वैक्सीन लगाकर दुनिया को हैरान कर दिया. यह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इजरायल और सेशेल्स में इससे ज्यादा आबादी को कोरोना का टीका लगाया गया है. 

इस तरीके से हुआ तेज टीकाकरण
भूटान एक छोटा देश है और यहां सिर्फ 37 डॉक्टर और 3000 फुलटाइम स्वास्थ्यकर्मी हैं लेकिन भूटान में स्वास्थ्य सुरक्षा योजना विभाग से जुड़े वॉलंटियर्स काफी संख्या में हैं. भूटान में इन वॉलंटियर्स को 'डेसुप्स' कहा जाता है. ये डेसुप्स स्वास्थ्य सेवाओं में सरकार की मदद करते हैं. वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी इन्होंने अहम भूमिका निभाई. 

इसके साथ ही वैक्सीन को दुर्गम इलाकों में पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भी किया गया, जिससे तेज टीकाकरण हो सका. बता दें कि भूटान के लोग स्वास्थ्य को बेहद गंभीरता से लेते हैं.  

  

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