शैलेंद्र सिंह भदौरिया/ ग्वालियरः मां-बेटे का रिश्ता दुनिया का सबसे भावुक रिश्ता माना जाता है. न तो मां अपने बेटे के बिना रह पाती है और न बेटा अपनी मां के बिना. ग्वालियर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां दस महीने पहले बिछड़ी एक मां अपने बेटे से मिल गई. खास बात यह है कि मां से मिलने के लिए बेटा यूपी से एमपी तक पहुंच गया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह है पूरा मामला 
मामला मध्यप्रदेश ग्वालियर जिले के डबरा से सामने आया है, जहां भीषण गर्मी के दौर में 100 किलोमीटर स्कूटी चलाकर एक युवक अपनी मां को लेने पहुंचा. जब इनकी कहानी लोगों ने सुनी तो कोई अपने आंसू नहीं रोक पाया. 


दरअसल, उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के हरदौलपुरा बड़ागांव में रहने वाले राहुल कुशवाह की मां शगुन बाई 10 महीने घर से कही चली गई थी. राहुल ने बताया कि उनकी मां की दिमागी हालत ठीक नहीं है. इस कारण वह करीब 10 महीने पहले घर से लापता हो गईं थी. राहुल ने 10 महीने से अपनी गुमशुदा मां को खोजने के लिए हर कोशिश की, पोस्टर छपवाए, थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई, मंदिर, गुरुद्वारे और आश्रमों में खोजा पर मां का कही पता नहीं चला. 


डबरा में मिली राहुल की मां 
लेकिन अचानक इसी बीच राहुल को ग्वालियर जिले के डबरा में स्थित अपना घर आश्रम से फोन पहुंचा है कि उनकी मां आश्रम में मौजूद है. जैसे ही राहुल ने यह खबर सुनी तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वह सीधा 100 किलोमीटर का सफर तय कर अपनी मां को लेने पहुंच गया. आश्रम में पहुंचकर राहुल ने जैसे ही अपनी मां को देखा तो तो दोनों मां-बेटे एक दूसरे से मिलकर फूट-फूटकर रो पड़े. इस दौरान जिसने भी यह भावुक तस्वीर देखी तो सबकी आंखे नम हो गई, लेकिन मां-बेटे के मिलने से सभी लोग खुश भी नजर आए.  इसके बाद राहुल अपनी मां को स्कूटर पर बैठाकर घर ले गया


अपना घर आश्रम में रह रही थी राहुल की मां 
डबरा में अपना घर आश्रम के संयोजक मनीष पांडे ने बताया कि सगुन बाई उन्हें 10 महीने पहले दतिया में मिली थी. सगुन बाई दतिया में दतिया मंडी के सामने बने डिवाइडर पर अनेक बोरो में कचरा, पन्नी और खाने का सामान इकठ्ठा करके बैठी एक महिला की खबर अपना घर आश्रम टीम को दिसंबर 2020 में मिली थी. अपना घर आश्रम की टीम जब इनको लेने गई तो बहुत मुश्किल से आने को तैयार हुई. सगुन की मानसिक स्थति खराब थी. हालांकि आश्रम में लगातार मिली सेवा से बहुत जल्दी उनकी स्थति ठीक हो गई. बाद में जब उनकी याददाश्त ठीक हो गई तो उन्होंने अपने घर के बारे में बताया. 


जैसे ही आश्रम की टीम को उनके घर की जानकारी मिली तो आश्रम टीम द्वारा बड़ागांव थाने पर संपर्क कर परिवार की जानकारी लेने की कोशिश की. परिवार में छोटे बेटे राहुल से संपर्क हो गया जिसके बाद राहुल ने अपनी मां से वीडियो कॉलिंग कर बात की और उन्हें लेने पहुंच गया. जहां से राहुल अपनी मां को लेकर अपने घर आ गया और इस तरह 10 महीने बाद एक बिछड़ा हुई मां और बेटा एक दूसरे से मिल गए. 


ये भी पढ़ेंः चड्डी बनियान पहनकर बैठे पटवारी साहब ले रहे थे रिश्वत, अचानक पहुंची लोकायुक्त की टीम


WATCH LIVE TV